मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन यह जरूर बोले कि पाकिस्तान को सबक सिखाने वाली कार्रवाई की है। दरअसल, गृहमंत्री ने बीएसएफ जवान नरेंद्र नाथ की बर्बर हत्या का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारा बीएसएफ का एक जवान था, अभी उसके साथ पाकिस्तान ने जिस तरीके से बदसलूखी की है, शायद आपने देखा होगा। कुछ हुआ है, मैं बताऊंगा नहीं। आप हमारा भरोसा कर सकते हैं। दो-तीन दिन पहले ही बिल्कुल सही हुआ है और आगे भी देखिएगा, क्या होगा।’ बता दें कि इससे पहले 29 सितंबर, 2016 को भी सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और 40 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था।
मुजफ्फरनगर के शुक्रतीर्थ में शुक्रवार को राष्ट्रीय सैनिक संस्था के कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने यह बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘हमारा पड़ोसी अपनी नापाक गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा। अक्सर सामने आता है कि वह हमारे बीएसएफ के जवानों के साथ कैसा व्यवहार करता है।’
उन्होंने कहा, ‘सैनिकों को संदेश दे दिया गया है कि पहले गोली नहीं चलानी है लेकिन, उधर से गोली चले तो फिर अपनी गोलियां नहीं गिननी। सीमा पर सेना ने शौर्य दिखाया है। आतंकियों से सख्ती से निपट रही है। चार साल में देश की सैन्य ताकत और अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
वह शुक्रवार को शुकतीर्थ में कारगिल स्मारक पर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। सभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि सरदार भगत सिंह, अशफाक उल्ला, राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों की वजह से ही आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। महात्मा गांधी नहीं चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो, लेकिन उस नौजवान ने आजादी की खातिर फांसी का फंदा चूमना पसंद किया।
सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में राजनाथ ने कहा, दो साल पहले पाक ने षड्यंत्र कर 17 जवानों की हत्या कर दी थी। सरकार ने योजना बनाकर करारा जवाब दिया। हमारे जांबाज कमांडो ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया। बीते दिनों भारत-चीन सैनिकों के बीच सीमा पर धक्का-मुक्की हुई, लेकिन किसी भी तरफ से हथियार नहीं निकले। इसका मतलब है कि भारत किसी भी दशा में कमजोर नहीं है।
वहीं, कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए गृहमंत्री ने कहा, ‘इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने सामान्यीकरण कर दिया। जनधन योजना से गरीबों को फायदा हुआ है।’