नई दिल्ली: देशभर से सामने आ रही रेप और यौन प्रताडऩा की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। एक ऐसा रजिस्टर तैयार किया जा रहा है जिसमें ऐसे लाखों लोगों की डीटेल हैं जो कि यौन अपराधी हैं। इन अपराधियों की तस्वीर, रेजिडेंशियल एड्रेस, फिंगरप्रिंट, डीएनए सैंपल्स, पैन नंबर और आधार नंबर की डीटेल तक रखी जा रही है। इस डाटाबेस को आज लांच किया जाएगा। ऐसा डाटाबेस तैयार करने वाला भारत दुनिया का 9वां देश बन जाएगा।
यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिनाद और टोबैगो ऐसे डाटाबेस तैयार कर चुके हैं और यौन प्रताडऩा के मामले सामने पर इस डाटाबेस के सहारे यौन अपराधियों को सजा दी जाती है। इस डेटाबेस को बनाने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के नैशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB) की है। हालांकि भारत में रजिस्ट्री केवल कानून लागू करने वाली एजेंसियों को ही उपलब्ध कराई जाएगी।
रजिस्ट्री में सबसे कम खतरनाक अपराधियों (लो डेंजर) का डेटा 15 साल तक के लिए, कम खतरनाक अपराधियों (मॉडरेट डेंजर) का डेटा 25 साल और गंभीर अपराध (हिंसक अपराध, गैंगरेप, कस्टोडियल रेप) करने वालों का डेटा जीवन भर के लिए रखा जाएगा। बता दें कि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप व मर्डर की घटना के बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया था।