नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस’ की शुरुआत सोमवार को चुकी है। केजरीवाल सरकार का दावा है कि डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस के पहले दिन यानि सोमवार को 21 हजार कॉल मिले। इस योजना के तहत राज्य सरकार की 40 पब्लिक सर्विसेज लोगों को घर पर ही मिलेंगी। इनमें विवाह प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, नल कनेक्शन लेने जैसे कामों के लिए लोगों को 50 रुपए की राशि देनी होगी।
राज्य सरकार के मुताबिक, डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस के लिए एक कॉल सेंटर बनाया गया है। इसमें 369 कर्मचारियों को नियुक्त किए गये हैं। लॉन्चिंग के पहले दिन लोगों ने भारी तादाद में फोन किए। इस वजह कई कॉल कनेक्ट नहीं हो पाए।
सरकार ने बताया कि शाम 6 बजे तक 2,728 कॉल कनेक्ट हुए। इनमें से 1286 कॉल के जवाब दिए गए। बाकी बचे कॉल को वेटिंग पर रखा गया है। इन्हें कॉल बैक किया जाएगा। सरकार ने बताया कि टीम के सदस्यों को अलग-अलग डिपार्टमेंट तय किए हैं। कॉल सेंटर का हर सदस्य दिल्ली के 7 जिलों से दस्तावेज एकत्रित करेगा और फिर लोगों की जरूरत के मुताबिक उन्हें तय वक्त में उनके घर तक पहुंचाया। योजना के तहत 1076 पर कॉल करके मोबाइल सहायक को बुलाना होगा।
योजना की लॉन्चिंग के वक्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब दिल्ली के लोगों को पब्लिक सर्विसेज के लिए दलालों के चक्कर में नहीं पड़ना होगा। सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने का समय बचेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
वहीं भाजपा ने आप सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस को फेल बताया है। भाजपा के दिल्ली प्रभारी मनोज तिवारी ने कहा कि यह योजना पहले दिन ही नाकाम रही। कॉल सेंटर पर नंबर ही नहीं लग रहा था।