वाशिगंटन, यूएसए: 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आंतकी हमले की आज 17वीं वर्षी है। इस दिन अल कायदा के 19 आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेंसिलवेनिया में हमले कर अमेरिका को दहला दिया था। इस घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने चार हवाई जहाज को हाईजैक किया था। आतंकियों ने दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टॉवर्स में टकरा दिया जबकि तीसरे विमान से पेंटागन पर हमला किया गया। एक विमान पेंसिलवेनिया में क्रैश हो गया था।
सबसे बड़ा हमला अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले में 90 से ज्यादा देशों के लोगों की जान चली गई थी। यह हमला अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दो विमानों के टकराने से हुआ। दरअसल 19 आतंकवादियों ने दो अमेरिकन विमानों अमेरिकन 11 और यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 को हाईजैक कर लिया था। बाद में इन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की बिल्डिंग से टकरा दिया गया।
पहला विमान 11 सितंबर की सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर टकराया। इस अमेरिकन फ्लाइट में 11 क्रू मेंबर्स और 76 लोग मौजूद थे। इस विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर से टकरा दिया गया। इसके बाद एक दूसरा विमान यूनाइटेड फ्लाइट 175 ट्विन टावर से 9 बजकर 3 मिनट पर टकरा गया। इसमें 9 क्रू मेंबर और 51 यात्री सवार थे। सभी सवार लोग मारे गए।
हमले के बाद महज 1 घंटे और 42 मिनट में ये दोनों इमारतें तो ढह ही गईं। साथ ही आसपास की कई इमारतें भी नष्ट हो गईं।
हमले के वक्त ट्रेड सेंटर में 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे। जान बचाने के लिए कई लोग वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की छत से नीचे कुद गए थे। 18 लोगों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद मलबे से जिंदा निकालकर बचाया गया। जबकि इस हमले में कुल 2,996 लोग मारे गए और 6 हजार लोग घायल हो गए। बिल्डिंगों का मलबा 6.5 हेक्टेयर में फैल गया था।
इस हमले की जिम्मेदारी अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने ली थी। हालांकि कई सालों के मिशन के बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने लादेन को पाकिस्तान में खोजकर मार डाला। लेकिन उस खूबसूरत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले ने आतंकवाद को और ज्यादा वीभत्स और लाइलाज बना दिया और उस इमारत की भी तस्वीर ही बदल कर रख दी। ये घटना जिस तेजी से हुई उससे संभलने का मौका नहीं मिला लेकिन ये वाकया इतिहास में सबसे बड़े आतंकी हमलों में शुमार हो गया।