नई दिल्ली: सोमवार को संसद के केन्द्रीय कक्ष में लोक सभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ जी.एस. ढिल्लों की वर्षगांठ में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार, लोक सभा उपाध्यक्ष एम. तम्बिदुरै, संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी मौजूद रहे।
अनेक संसद सदस्यों, पूर्व संसद सदस्यों तथा लोक सभा की महासचिव, स्नेहलता श्रीवास्तव ने भी डॉ. ढिल्लों को पुष्पांजलि अर्पित की।
डॉ. जी.एस. ढिल्लों का व्यक्तित्व बहुआयामी था उनकी रुचियों में कानून, पत्रकारिता और शिक्षा तथा खेल-कूद से लेकर संवैधानिक अध्ययन तक शामिल था। डॉ. ढिल्लों ने अपना संसदीय करियर 1952 से 1967 तक पंजाब विधान सभा के सदस्य के रूप में शुरू किया। वह 1952 में विधान सभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए और 1954 तक इस पद पर रहे। वह 1954 में अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए और 1962 तक इस पद पर रहे।
1965-66 के दौरान वह पंजाब सरकार में मंत्री रहे। वह 1967 में लोक सभा के लिए चुने गए। 8 अगस्त, 1969 को उन्हें सर्वसम्मति से चौथी लोक सभा का अध्यक्ष चुना गया। 1971 में पाँचवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित होने पर डॉ. ढिल्लों को 22 मार्च, 1971 को पुनः लोक सभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया। वह आठवीं लोक सभा के सदस्य भी रहे।
डॉ. ढिल्लों 1 दिसम्बर, 1975 को अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पोत परिवहन और सड़क परिवहन मंत्री बने। वह 12 मई, 1986 से 14 फरवरी, 1988 तक कृषि मंत्री रहे।
अपने लंबे और विशिष्ट सार्वजनिक जीवन में डॉ. ढिल्लों ने योजना आयोग के सदस्य तथा कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की सेवा की। 23 मार्च, 1992 को डॉ. ढिल्लों का निधन हो गया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्टजनों को लोक सभा सचिवालय द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित डॉ. ढिल्लों के जीवनवृत्त वाली पुस्तिका भेंट की गई।