13 मार्च को हजारों कर्मचारियों का एनपीएस के विरोध में हड़ताल पर जानें का ऐलान

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अब समाधान नहीं धमकी पर उतरी सरकार

नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा  2004 के बाद सरकारी नौकरियों में लगे कर्मचारियों के पेंशन को बंद करने की अमानवीय कारवाई  अब सरकार के गले की हड्डी बन गयी है।  पिछले पांच सात सालों  में इसके  खिलाफ विरोध की आवाज उठने लगी थी, जिसे आरंभ में मीडिया ने भी कोई तरजीह नहीं दी थी, मगर धीरे धीरे कर्मचारियों का असंगठित आंदोलन विकराल रुप लेता चला गया। 
इसके खिलाफ सरकार भी सख्त रवैया अपनाने के लिए सजग होने लगी।  इस बार राष्ट्रीय स्तर पर कर्मचारियों का नई पेंशन योजना (एनपीएस) के खिलाफ 13 मार्च की घोषित हड़ताल में शामिल होने के प्रति  सरकार ने आगाह किया है। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में इसके समाधान के लिए कोई पहल  विमर्श करने की बजाय सीधे सीधे कहा कि हड़ताल पर जाने के ‘परिणाम भुगतने’ होंगे। सरकार की धमकी से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों ने भी सरकार से दो दो हाथ करने का मन बना लिया है।
दूसरी तरफ़ कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि इसके विरोध में सरकारी कर्मचारियों के मंच राष्ट्रीय संयुक्त संघर्ष समिति (एनजेसीए) की ओर से 13 मार्च को राजधानी में जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किए जाने की घोषणा की गई है।
मंत्रालय ने नियमों का हवाला देते अपने आदेश में सरकारी कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार की हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगायी है। इसमें कर्मचारियों पर सामूहिक आकस्मिक अवकाश, धीमे काम करो… सहित ऐसी किसी भी कार्रवाई में शामिल होने पर पाबंदी है जिससे किसी प्रकार की हड़ताल/ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा मिलता हो।
कर्मचारियों की मांग से सरकार आशंकित है। खासकर चुनाव के समय इस आंदोलन और विरोध की खबर को दबाना चाहती है। सीधे सामने आने की बजाय मंत्रालय के अधिकारियों को नियम कानून और सेवा शर्तों की किताब से खोज खोज कर नाना प्रकार की जांच और  धाराओं के तहत् कर्मचारियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी दी है।  ोोोोो कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों को नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं जिसमें उनकी तनख्वाह कटने के साथ साथ उनके खिलाफ समुचित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। अब देखना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लागू कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी क्या वाकई सख़्त कार्रवाई करने का 56 इंची सीना की ताव ठीक चुनावी मौसम में कर सकने का माद्दा रखते हैं? ।।।

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