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Indian Culture

इतिहास, संस्कृति और संविधान: भारत की पहचान का संगम

भारतीय इतिहास और संस्कृति की गहरी छाप संविधान के हर पहलू में देखी जा सकती है। संविधान में न्याय, समानता और लोककल्याण के सिद्धांत भारत की प्राचीन शासन पद्धतियों से प्रेरित हैं। शोधकर्ताओं के लिए शोध सारांश जमा करने की अंतिम तिथि अब…
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भारतीय संस्कृति में बहुचर्चित “लक्ष्मण रेखा”के मायने व अर्थ !

*डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी लक्ष्मण रेखा आप सभी के संज्ञान में होगी परन्तु इसका मूल नाम शायद पता नहीं होगा। लक्ष्मण रेखा का मूल नाम सोमतिती विद्या है। यह भारत की प्राचीन विद्याओं में से एक है जिसका अन्तिम प्रयोग महाभारत के युद्ध में हुआ…
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बद्रीनाथ धाम भारतीय संस्कृति और आध्यात्म का प्रेरणास्रोत है – उपराष्ट्रपति धनखड़

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 27अक्टूबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी दो दिवसीय उतराखंड यात्रा के दूसरे दिन आज रुद्रप्रयाग पहुंचे जहां उन्होंने अपनी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।  धनखड़ ने केदारनाथ धाम में…
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मोदीजी भारतीय संस्कृति के प्राचीन तीर्थ स्थलों का पुनरुत्थान करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएँ देने के…

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 14जुलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा 2798 करोड़ रूपए से तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल परियोजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री जी…
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विश्व पर्यावरण दिवस-  भारतीय संस्कृति में पर्यावरण चेतना

पार्थसारथि थपलियाल भारत विश्व का एक विलक्षण देश है जिसने क्रिया की प्रतिक्रिया को जीवन का आधार नही बनाया बल्कि जीवन जीने का समष्टि भाव जिसे सर्वांगीण पहल (Holistic approach) कहें, उसे जीवन का अंग बनाया। मानव का जीवन आधार धरती है। यह…
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शालीनता की सीता की खोज करें

अरविन्द भारद्वाज अपने समय में जिस "सीता" का अपहरण हुआ है उसका नाम "शालीनता" है- "शालीनता" अर्थात "शराफत", "सादगी", "सज्जनता", "भलमनसाहत" "नेकी" "उदारता" आदि । आज हर क्षेत्र में आडंबरों के पर्वत खड़े हैं , पर उन्हें खोजने टटोलने पर ढोल की…
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माँ की सूरत में मिले भगवान

पार्थसारथि थपलियाल "माँ" एक ऐसा शब्द है, जो केवल नारी का ही सम्मान नही बढ़ाता है बल्कि भारतीय संस्कृति में इसी शब्द ने धरती का भी गौरव बढ़ाया है। वेद की ऋचा कहती है- "माता भूमि पुत्रोहम पृथिव्या"। जो ममता की मूरत और दया का सागर है, जो…
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सेवा भाव के कारण ही भारतीय संस्कृति जिंदा है- मोहन भागवत

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 22 नवंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने कहा कि विश्व की कई सभ्यताएं आई और समाप्त हो गई लेकिन भारतीय सभ्यता इसलिए विश्व गुरु बनने को ओर है क्योंकि वह सबको साथ लेकर आगे बढ़ने में…
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शिक्षकों का सम्मान करना भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परम्परा है : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

समग्र समाचार सेवा नई दिल्ली, 14अक्टूबर। उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज बच्चों और युवाओं के जीवन को आकार देने में शिक्षकों द्वारा निभाई गई बुनियादी भूमिका के महत्व पर जोर दिया और कहा कि भारतीय संस्कृति में हमेशा ही गुरुओं को आदर…
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