1990 नर्स हत्या केस: यासीन मलिक के घर समेत 8 ठिकानों पर छापेमारी
यासीन मलिक के घर समेत आठ स्थानों पर छापेमारी, 1990 में कश्मीरी पंडित नर्स की हत्या का मामला
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SIA की कार्रवाई – श्रीनगर में आठ स्थानों पर एक साथ छापेमारी, जिसमें JKLF प्रमुख यासीन मलिक का आवास भी शामिल।
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मामले की पृष्ठभूमि – 1990 में 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित नर्स का आतंकियों द्वारा अपहरण, गैंगरेप, यातना और हत्या।
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अपराध का विवरण – 14 अप्रैल 1990 को SKIMS हॉस्टल से अगवा, 19 अप्रैल को गोली से छलनी और क्षत-विक्षत शव बरामद, शव पर मिला धमकी भरा नोट।
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जाँच का उद्देश्य – पुराने मामले में नए सबूत जुटाना, गवाहों के बयान दर्ज करना और दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई तेज़ करना।
समग्र समाचार सेवा
श्रीनगर, 12 अगस्त – जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के कैद प्रमुख यासीन मलिक के श्रीनगर स्थित आवास समेत आठ स्थानों पर सोमवार को स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई 1990 में कश्मीरी पंडित नर्स के अपहरण, गैंगरेप, यातना और हत्या से जुड़े मामले की जांच के तहत की जा रही है।
यह मामला उस दौर का है जब घाटी में चरमपंथ अपने चरम पर था। पीड़िता 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित महिला थी, जो अनंतनाग की रहने वाली थी और श्रीनगर के सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में नर्स के रूप में कार्यरत थी। 14 अप्रैल 1990 को उसे संस्थान के हब्बा खातून हॉस्टल से कथित तौर पर JKLF से जुड़े आतंकियों ने अगवा कर लिया था।
पुलिस अभिलेखों के अनुसार, आतंकियों ने उसे कई दिनों तक बंधक बनाकर यातनाएं दीं और सामूहिक दुष्कर्म किया। 19 अप्रैल 1990 को उसका क्षत-विक्षत शव श्रीनगर के उमर कॉलोनी, मल्लाबाग क्षेत्र में बरामद हुआ। शव पर गोली के निशान थे और उसके पास से एक नोट मिला जिसमें उसे “पुलिस मुखबिर” करार दिया गया था। नोट में यह भी आरोप था कि उसने आतंकी आदेशों का पालन करने से इंकार किया था—या तो घाटी छोड़ने या सरकारी नौकरी छोड़ने का।
SIA की टीमें, पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर, सोमवार सुबह से श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। इनमें यासीन मलिक का आवास भी शामिल है, जो इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई पुराने केस में नए सिरे से सबूत जुटाने और गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए की जा रही है। जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि इस घटना में शामिल आतंकियों को किसने पनाह दी और किन लोगों ने अपराध को छुपाने में भूमिका निभाई।
यह मामला कश्मीरी पंडित समुदाय पर 90 के दशक में हुए सुनियोजित हमलों और घाटी से उनके पलायन की पृष्ठभूमि से जुड़ा है। SIA की ताज़ा कार्रवाई को घाटी में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए पुराने अपराधों के लिए न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद एजेंसी इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही करेगी।