हिमाचल में फिर आसमानी आफत: मंडी में बादल फटा, बाढ़ और भूस्खलन से दो की मौत, सड़कें बंद
मंडी में कुदरत का कहर: भारी बारिश ने मचाई तबाही, जनजीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन अलर्ट पर
- हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश के बाद फिर बादल फटा और भूस्खलन हुआ।
- इस प्राकृतिक आपदा में दो लोगों की दुखद मौत हो गई, कई सड़कें अवरुद्ध हुईं।
- मंडी सहित कई पहाड़ी इलाकों में अलर्ट जारी, बचाव कार्य जारी।
समग्र समाचार सेवा
शिमला, 29 जुलाई, 2025: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। राज्य के मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही भारी बारिश के बाद मंगलवार सुबह फिर से बादल फटने और भीषण भूस्खलन की घटनाएँ सामने आईं। इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर देवभूमि में तबाही मचाई है, जिसमें दो लोगों की दुखद मौत हो गई और कई प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और राहत व बचाव कार्य जारी है।
मंडी में बादल फटने से भारी नुकसान
जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। विशेष रूप से जिले के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटना के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे निचले इलाकों में भी पानी भर गया। कई घरों और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
स्थानीय सूत्रों और प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, इस आपदा में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों की पहचान अभी पूरी तरह से नहीं हो पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि वे भूस्खलन की चपेट में आने से जान गंवा बैठे। कई अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, जिसके चलते बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें, स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर बचाव कार्यों में जुटी हैं।
सड़क संपर्क टूटा, यातायात बाधित
भारी भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण मंडी जिले की कई सड़कें बाधित हो गई हैं। मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई राज्य और ग्रामीण सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। सड़कों पर फंसे वाहनों और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मलबा हटाने और सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन लगातार बारिश और दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण इसमें समय लगने की संभावना है।
सड़कें बंद होने से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रशासन लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील कर रहा है। खराब मौसम के कारण कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है, जिसे बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
हिमाचल में अलर्ट और आगे की चुनौतियां
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
राज्य सरकार ने सभी जिला प्रशासनों को हाई अलर्ट पर रखा है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ितों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। हिमाचल प्रदेश के लिए यह मानसून सीजन भारी चुनौतियां लेकर आया है, और प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।