अंबेडकर फोटो विवाद से गरमाई बिहार की दलित राजनीति

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
पटना, 17 जून: बिहार की राजनीति में दलित वोट बैंक हमेशा से सत्ता के समीकरणों को तय करता आया है। 2025 के आगामी विधानसभा चुनाव में भी यह समुदाय निर्णायक भूमिका में दिख रहा है। राजनीतिक दल दलितों को साधने की हरसंभव कोशिश में जुटे हैं। लेकिन हाल ही में सामने आए लालू यादव और अंबेडकर फोटो विवाद ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।

लालू यादव और अंबेडकर फोटो विवाद ने बदला चुनावी फोकस

लालू यादव के जन्मदिन समारोह के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक कार्यकर्ता ने उन्हें भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भेंट की थी। वीडियो में दिख रहा है कि लालू ने तस्वीर को हाथ में नहीं लिया और वह उनके पैरों के पास रखी हुई नजर आई। इसके बाद तस्वीर को एक कोने में रख दिया गया।

इस घटना को बीजेपी ने मुद्दा बनाते हुए आरजेडी को दलित विरोधी करार दिया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने अंबेडकर का अपमान किया है और यह आरजेडी की असली सोच को उजागर करता है।

आरजेडी की सफाई और बीजेपी की सियासी चालें

आरजेडी ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि कार्यक्रम स्थल पर जगह की कमी थी और लगातार तोहफे आ रहे थे, इसलिए तस्वीर को हटाया गया। पार्टी ने इसे अनादर नहीं बल्कि व्यवस्था की मजबूरी बताया। हालांकि बीजेपी इस मुद्दे को दलित सम्मान और अंबेडकर की विरासत से जोड़कर आगे बढ़ा रही है।

दलितों को साधने की रणनीति में जुटी बीजेपी

बीजेपी पिछले एक साल से पासवान, महादलित और अन्य दलित समुदायों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम कर रही है। चिराग पासवान के साथ संबंध मजबूत करना, अंबेडकर जयंती पर बड़े आयोजन और दलित युवाओं को संगठित करना इसी का हिस्सा है।

कांग्रेस ने भी दलित समुदाय से आने वाले राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संकेत दिए हैं, वहीं आरजेडी ने मंगनी लाल मंडल को अध्यक्ष पद सौंपा है।

नीतीश के NDA में लौटने से बदले समीकरण

नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में आने के बाद जेडीयू-बीजेपी का गठजोड़ सामाजिक संतुलन की नई तस्वीर पेश कर रहा है। यह गठजोड़ दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहा है।

अंबेडकर फोटो विवाद सिर्फ प्रतीक नहीं

बिहार में दलित वोट बैंक के बीच आरजेडी की स्थिति असमंजस में नजर आ रही है। अंबेडकर फोटो विवाद भले प्रतीकात्मक हो, लेकिन इसके पीछे छिपा संदेश राजनीतिक दृष्टि से काफी बड़ा है। आरजेडी की सफाई कमजोर दिख रही है, और बीजेपी इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.