हर परिवार में तीन बच्चे: जनसंख्या को लेकर चंद्रबाबू नायडू का बयान
वैश्विक स्तर पर घटती आबादी और उम्रदराज समाज के बीच भारत को युवा शक्ति बनाए रखने की जरूरत, बोले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री
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चंद्रबाबू नायडू ने भारत में रिप्लेसमेंट लेवल बनाए रखने पर जोर दिया
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चीन, जापान, जर्मनी और यूके में घटती जनसंख्या को बताया चेतावनी
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विदेशों में भारतीयों की औसत आय अमेरिका से भी ज्यादा होने का दावा
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2047 तक भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने का रोडमैप
समग्र समाचार सेवा
अमरावती | 27 दिसंबर: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भारत की जनसंख्या को लेकर बड़ा और चर्चित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हर परिवार में कम से कम तीन बच्चे होने चाहिए, ताकि देश जनसंख्या के रिप्लेसमेंट लेवल को बनाए रख सके। नायडू के अनुसार, दुनिया के कई विकसित देशों में घटती जनसंख्या और बढ़ती उम्र एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जबकि भारत के पास युवा आबादी का ऐतिहासिक अवसर है।
दुनिया घट रही, भारत बढ़ रहा
सीएम नायडू ने वैश्विक परिदृश्य का हवाला देते हुए कहा कि जापान, जर्मनी, यूके और चीन जैसे देशों में जनसंख्या तेजी से घट रही है। चीन की आबादी में 11 फीसदी तक गिरावट का अनुमान है, जबकि जापान और यूरोप के कई देश उम्रदराज समाज की चुनौती से जूझ रहे हैं। इसके विपरीत भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ आने वाले दशकों में जनसंख्या बढ़ने की संभावना है।
विदेशों में भारतीयों की आर्थिक सफलता
नायडू ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में चार से पाँच करोड़ भारतीय रहते हैं और लगभग हर देश में भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय वहाँ की औसत आय से अधिक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका में औसत आय 55 से 60 हजार डॉलर है, जबकि भारतीय मूल के लोगों की औसत आय करीब 1.30 लाख डॉलर है। यह भारतीयों की क्षमता, शिक्षा और मेहनत को दर्शाता है।
आरएसएस प्रमुख के बयान का समर्थन
चंद्रबाबू नायडू ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने हर परिवार में तीन बच्चों की आवश्यकता पर जोर दिया था। नायडू के अनुसार, यह केवल सामाजिक नहीं बल्कि रणनीतिक सोच है, जो भारत को भविष्य में आर्थिक और वैश्विक शक्ति बना सकती है।
2047 की ओर भारत का रोडमैप
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत 2047 और उससे आगे की योजना बनाकर अपनी जनसंख्या नीति पर काम करे, तो कोई भी देश भारत के वैश्विक प्रभुत्व को चुनौती नहीं दे सकता। उनके अनुसार, यह भारत का समय है और सही रणनीति के साथ युवा आबादी देश की सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकती है।