कुर्सियाँ फेंकी गईं, बोतलें उछलीं: कोलकाता में मेस्सी का इवेंट कैसे बना बवाल

महंगा टिकट, कम समय और खराब विज़िबिलिटी—मेस्सी की झलक न मिलने से भड़के फैन्स, स्टेडियम में तोड़फोड़

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  • 5,000 से 25,000 रुपये तक के टिकट, फिर भी मेस्सी की साफ झलक नहीं
  • भारी सिक्योरिटी और वीआईपी घेराव से फैन्स निराश
  • 20 मिनट (कुछ के मुताबिक 10 मिनट से कम) में स्टेडियम से निकले मेस्सी
  • हंगामे के बाद सरकार ने उच्चस्तरीय जाँच  समिति बनाई

समग्र समाचार सेवा
कोलकाता | 13 दिसंबर: फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी को देखने के लिए कोलकाता में आयोजित इवेंट में हजारों फैन्स पहुंचे थे। स्टेडियम में जैसे ही मेस्सी की मौजूदगी का एहसास हुआ, दर्शकों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोग अपने चहेते खिलाड़ी को करीब से देखने और यादगार पल संजोने की उम्मीद लेकर आए थे।

खुशी कैसे बदली नाराजगी में

मेस्सी के स्टेडियम पहुंचते ही माहौल उत्सव जैसा था, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर टिक नहीं सकी। करीब 20 मिनट बाद ही जब यह साफ हुआ कि मेस्सी अब स्टेडियम छोड़ने वाले हैं, तो फैन्स निराश हो गए। कई दर्शक मेस्सी को साफ देख भी नहीं पाए थे, जिससे स्टेडियम में मौजूद लोगों की खुशी धीरे-धीरे नाराजगी में बदल गई।

फैन्स क्यों हुए नाराज

इवेंट के टिकट 5,000 से लेकर 25,000 रुपये तक के थे। फैन्स को उम्मीद थी कि इतनी कीमत चुकाने के बाद उन्हें मेस्सी को देखने का पूरा मौका मिलेगा। लेकिन मैदान में मेस्सी के आसपास भारी संख्या में सिक्योरिटी गार्ड और अन्य मेहमान मौजूद थे। इस वजह से स्टैंड में बैठे लोगों को मेस्सी साफ नजर नहीं आ रहे थे, जिसने गुस्से को और बढ़ा दिया।

हंगामा और बढ़ता आक्रोश

जैसे-जैसे यह खबर फैली कि मेस्सी ज्यादा देर नहीं रुकेंगे, स्टेडियम में शोर बढ़ने लगा। फैन्स ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी। हालात बिगड़ते देख आयोजकों ने सुरक्षा कारणों से मेस्सी को तुरंत वहां से ले जाने का फैसला किया।

मेस्सी का अधूरा स्टेडियम चक्कर

साल्ट लेक स्टेडियम में मेस्सी मैदान का पूरा चक्कर भी नहीं लगा पाए। उनके चारों ओर मौजूद सिक्योरिटी और ऑफिशियल्स के कारण दर्शकों की नाराजगी और बढ़ गई। बढ़ते हंगामे के बीच मेस्सी को स्टेडियम से बाहर निकाल लिया गया।

तोड़फोड़ और विरोध मेस्सी के बाहर निकलते ही कुछ फैन्स और ज्यादा भड़क गए। नाराज लोगों ने पोस्टर और होर्डिंग्स को नुकसान पहुंचाया, बोतलें फेंकी और स्टेडियम के अंदर विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में स्टेडियम को नुकसान पहुंचाने की तस्वीरें भी देखने को मिलीं। कई फैन्स का दावा था कि मेस्सी इवेंट में 10 मिनट से भी कम समय के लिए मौजूद थे।

सरकार का कदम, जाँच  समिति गठित घटना के बाद राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस आशीम कुमार रे कर रहे हैं। समिति में राज्य के मुख्य सचिव और गृह एवं पहाड़ी मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी शामिल किया गया है।
समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वह पूरे मामले की विस्तार से जांच करे, जिम्मेदारी तय करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी सुझाव दे।

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