टिकट विवाद पर सरवत जहां का इस्तीफा

केवल 8% महिला प्रतिनिधित्व पर जताई नाराज़गी, कहा— ‘नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ रही हूं’

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  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस को खराब प्रदर्शन के साथ महिला प्रतिनिधित्व में बड़ी कमी।
  • महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरवत जहां ने कहा— 28 महीनों की मेहनत के बाद भी महिला नेताओं को सम्मान नहीं मिला।
  • टिकट वितरण में सिर्फ 8% महिलाओं को मौका, महिला नेतृत्व “शून्य” पर पहुंचा।
  • सरवत जहां ने सोनिया गांधी को आदर्श बताते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 21 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खराब प्रदर्शन और टिकट वितरण को लेकर उठ रही अंदरूनी नाराज़गी के बीच बिहार महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरवत जहां फातिमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
शुक्रवार (21 नवंबर 2025) को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव में महिलाओं को केवल 8 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला, जो बेहद दुखद और निराशाजनक है।

सरवत जहां ने बताया कि वह पिछले 28 महीनों से बिहार महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने और महिला जिलाध्यक्षों ने 38 जिलों में बूथ स्तर तक जाकर महिलाओं की समस्याएं उठाईं, लेकिन टिकट वितरण में मेहनत और जमीनी काम को महत्व नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि महिला कांग्रेस अध्यक्ष को भी टिकट नहीं दिया गया, जिससे महिला नेतृत्व को बड़ा झटका लगा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना इस्तीफा साझा करते हुए सरवत जहां ने लिखा,
“अपने 25 साल के राजनीतिक सफर में मैंने नैतिकता और निडरता को ही अपना पैमाना बनाया है।”

उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस पार्टी में महिलाओं को सिर्फ 8% टिकट देने का परिणाम यह हुआ कि दोनों सदनों में महिला नेतृत्व लगभग शून्य पर पहुंच गया। उन्होंने इस स्थिति पर पीड़ा और आत्म–मंथन व्यक्त करते हुए इसे “नैतिक जिम्मेदारी” बताया।

अपने पत्र के अंत में उन्होंने कहा,
“मैंने हमेशा सोनिया गांधी जी को अपना आदर्श माना है। पद और कुर्सी के प्रति उनका निर्मोही रवैया मेरे लिए प्रेरणा रहा है।”

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