श्रीकाकुलम मंदिर भगदड़: अमित शाह ने जताया गहरा दुःख

गृह मंत्री ने हादसे पर शोक व्यक्त किया, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की

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  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले में स्थित काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया।
  • इस त्रासद घटना में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिससे पूरे देश में शोक की लहर है।
  • गृह मंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त कीं और घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 02 नवंबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले में स्थित काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। इस दुर्घटना में कई श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु हो गई, जिससे क्षेत्र में मातम छा गया।

गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा,

“आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ में लोगों की जान जाने से गहरा दुख हुआ। मैं उन सभी श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ जिन्होंने इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया। मैं घायल हुए लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”

यह घटना तब हुई जब मंदिर में एक धार्मिक अनुष्ठान (Temple Ritual) चल रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे। अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ मच गई, जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण हताहत हुए।

स्थानीय प्रशासन और राहत कार्य

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय अधिकारियों और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचे। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने और भगदड़ में फँसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तेज़ी से कार्य किया। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में ले जाया गया जहाँ उनका उपचार जारी है।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस पूरी घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं। यह जाँच भगदड़ के कारणों और सुरक्षा तथा भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) में हुई संभावित चूक पर ध्यान केंद्रित करेगी। जांच का उद्देश्य भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना भी है।

धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा की आवश्यकता

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना एक बार फिर से धार्मिक और सार्वजनिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की मज़बूत व्यवस्था की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करने की ज़रूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से पूजा-अर्चना कर सकें और ऐसी जानलेवा घटनाएँ दोबारा न हों। गृह मंत्री की संवेदनाएँ दिखाती हैं कि केंद्र सरकार इस गंभीर विषय पर संज्ञान ले रही है।

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