- नेपाल के रास्ते बिहार में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, जैश-ए-मोहम्मद से संबंध।
- खुफिया इनपुट के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट, अररिया जिले से घुसपैठ की आशंका।
- आतंकी खतरे के कारण राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के कार्यक्रम में बदलाव, सुरक्षा बढ़ाई गई।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 अगस्त, 2025: नेपाल के रास्ते बिहार में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद पूरे बिहार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन आतंकियों के नाम हसनैन अली, आदिल हुसैन और मोहम्मद उस्मान बताए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इन तीनों का संबंध खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से है। पुलिस मुख्यालय ने इन आतंकियों की तस्वीरें सभी जिलों में साझा की हैं और विशेष रूप से नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया है।
खुली सीमा बनी बड़ी चुनौती
भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से 729 किलोमीटर बिहार से सटा हुआ है। यह सीमा खुले होने के कारण अक्सर सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) इस सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, लेकिन घुसपैठ की इस घटना ने एक बार फिर सीमा सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है। खुफिया इनपुट के मुताबिक, इन आतंकियों ने बिहार के अररिया जिले के रास्ते घुसपैठ की है, जिसका मकसद राज्य में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना था। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिहार में राजनीतिक गतिविधियां चरम पर हैं, जिससे खतरा और बढ़ गया है।
राहुल गांधी की यात्रा पर खतरा, बदले कार्यक्रम
यह आतंकी घुसपैठ ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों, जैसे अररिया, मधुबनी और सुपौल से गुजर रही है। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद राहुल गांधी की सुरक्षा को तत्काल प्रभाव से बढ़ा दिया गया है। उनकी यात्रा के कई कार्यक्रम, जिनमें खुली रैलियां और रोड शो शामिल थे, रद्द कर दिए गए हैं। अब वे खुली जीप के बजाय बंद गाड़ी से ही यात्रा कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्यव्यापी अलर्ट और जांच तेज
पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को खुफिया तंत्र को सक्रिय करने, संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का आदेश दिया है। इसके अलावा, होटल, धर्मशाला और सार्वजनिक परिवहन स्थलों पर भी गहन जांच की जा रही है। स्थानीय पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर इन आतंकियों की तलाश में जुटी हैं। यह स्पष्ट है कि इस घुसपैठ का मकसद सिर्फ राहुल गांधी की यात्रा को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि राज्य में बड़ी अशांति फैलाना था। पुलिस का मानना है कि इन आतंकियों के पास हथियार और विस्फोटक सामग्री हो सकती है, जिससे वे किसी भी बड़े शहर को निशाना बना सकते हैं।
पड़ोसी देशों से मिलीभगत पर सवाल
पाकिस्तान से जुड़े इन आतंकियों का नेपाल के रास्ते भारत में घुसना एक गंभीर मामला है। यह घटना दर्शाती है कि सीमा पार से आतंकी संगठन लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और नेपाल की धरती का इस्तेमाल एक आसान मार्ग के रूप में कर रहे हैं। इस घटना के बाद दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता और बढ़ गई है। सरकार को नेपाल के साथ मिलकर सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।