एएमयू में फिर विवाद: फिलिस्तीन का झंडा और भड़काऊ बयान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन का झंडा फहराने और एक पूर्व छात्र के भड़काऊ बयान से गरमाया माहौल, पुलिस ने जांच शुरू की।

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  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) एक बार फिर विवादों में घिर गया है, जहां कथित तौर पर फिलिस्तीन का झंडा फहराया गया।
  • इस घटना के बाद, एएमयू के एक पूर्व छात्र ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे तनाव बढ़ गया।
  • पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

समग्र समाचार सेवा
अलीगढ़, 19 अगस्त, 2025: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) एक बार फिर से राजनीतिक और धार्मिक विवादों के केंद्र में आ गया है। हाल ही में, सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए, जिनमें कथित तौर पर कैंपस में फिलिस्तीन का झंडा फहराया गया था। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर भारत में पहले से ही संवेदनशीलता है। इस घटना के बाद, एएमयू के एक पूर्व छात्र और छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भड़काऊ बयान दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।

पूर्व छात्र का आपत्तिजनक बयान

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में, एएमयू के पूर्व छात्र मुसाब मुसाहिब ने बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ भी टिप्पणी की। उनके बयान से यह प्रतीत होता है कि वह देश में अशांति फैलाना चाहते हैं। पुलिस ने इस पोस्ट का संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा कि इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, जांच जारी

पुलिस ने पूर्व छात्र मुसाब मुसाहिब के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 505(2) (सांप्रदायिक आधार पर घृणा फैलाना) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस की एक टीम आरोपी की तलाश में जुट गई है, जो फिलहाल फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और किसी को भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन को भी इस मामले में सहयोग करने के लिए कहा गया है।

एएमयू प्रशासन की चुप्पी और पुरानी घटनाएं

इस घटना पर एएमयू प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। विश्वविद्यालय की यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। यह पहली बार नहीं है जब एएमयू कैंपस में इस तरह का विवाद हुआ हो। इससे पहले भी, जिन्ना की तस्वीर और सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान कैंपस में कई विवाद सामने आए थे। यह घटनाएं कैंपस के अंदर बाहरी प्रभाव और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की ओर इशारा करती हैं। हालांकि, हर बार प्रशासन सख्ती बरतने का दावा करता है, लेकिन ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

यह घटना दर्शाती है कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा।

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