पाक-परस्त पन्नू ने उगला ज़हर : पंजाब के CM को जान से मारने की धमकी

SFJ आतंकी गुरपतवंत पन्नू का नया वीडियो पंजाब के मुख्यमंत्री मान को मारने की धमकी

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समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़,7 अगस्त-पाकिस्तान की शह पर भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) का सरगना पन्नू ने अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को खुलेआम जान से मारने की धमकी दी है।

पन्नू ने एक ताज़ा वीडियो जारी किया है जिसमें उसने न केवल मुख्यमंत्री मान को धमकाया है, बल्कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक नारे और भित्ति-लेखन करवाने की भी बात कही है। वीडियो में उसने स्पष्ट रूप से कहा कि “मुख्यमंत्री मान ने खालिस्तान के खिलाफ जाकर गद्दारी की है, और उन्हें इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी।”

पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क

वीडियो के सामने आने के बाद पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मुख्यमंत्री की सुरक्षा पहले से ही Z+ श्रेणी की है, लेकिन इस नई धमकी के बाद अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की जा रही है। गृह मंत्रालय ने भी वीडियो का संज्ञान लिया है और मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

धमकी की निंदा करते हुए पंजाब सरकार ने बयान जारी किया कि राज्य आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा और मुख्यमंत्री की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने इसे एक कायरतापूर्ण हरकत करार दिया और केंद्र सरकार से पन्नू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने भी इस धमकी की निंदा करते हुए पाकिस्तान और खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की है।

SFJ की गतिविधियां और पाकिस्तान का समर्थन

गौरतलब है कि SFJ भारत में खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश करता रहा है। पन्नू लंबे समय से अमेरिका और कनाडा से बैठे-बैठे भारत में विघटनकारी गतिविधियों को हवा दे रहा है। उसके पाकिस्तान से लगातार संपर्क और समर्थन के प्रमाण पहले भी सामने आ चुके हैं।

यह पहली बार नहीं है जब पन्नू ने किसी बड़े भारतीय नेता को धमकी दी हो। इससे पहले भी उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे।

निष्कर्ष

गुरपतवंत पन्नू की यह नई धमकी भारत की संप्रभुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ खुली चुनौती है। यह स्पष्ट है कि खालिस्तानी आतंकवाद को एक बार फिर से भड़काने की कोशिशें तेज हो रही हैं और इनके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि भारत सरकार कूटनीतिक और सुरक्षा दोनों स्तरों पर सख्त कदम उठाए।

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