तेजस्वी की पत्नी के नाम-मतदाता पहचान पर विवाद: गिरिराज सिंह ने मांगी जांच
गिरिराज सिंह ने उठाया तेजस्वी की पत्नी के नाम-मतदाता स्थिति पर सवाल, बिहार में गरमाई सियासत
समग्र समाचार सेवा
पटना, 8 जुलाई: बिहार में इन दिनों मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है और इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव (पूर्व नाम रेचल गोडिन्हो) को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने तेजस्वी की पत्नी के नाम बदलने और उनके बिहार में वोटर बनने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसकी विस्तृत जांच की मांग की है।
तेजस्वी की पत्नी के नाम-बदलाव पर गिरिराज का सवाल
गिरिराज सिंह ने मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को मीडिया से बात करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव खुद को समाजवादी बताते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी का नाम क्यों बदलवाया? सिंह ने सवाल उठाया, “अगर उनकी पत्नी क्रिश्चन थीं तो इससे क्या दिक्कत है? क्रिश्चन होना कोई गुनाह नहीं है।” उन्होंने तेजस्वी पर ढोंग करने का आरोप लगाया और उनकी पत्नी के नाम बदलने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए। तेजस्वी यादव ने 9 दिसंबर 2021 को अपनी लंबे समय की दोस्त रेचल गोडिन्हो से शादी की थी। रेचल मूल रूप से रेवाड़ी के एक ईसाई परिवार से ताल्लुक रखती हैं और बचपन से दिल्ली में रहती थीं। शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर राजश्री यादव रख लिया था।
वोटर बनने की प्रक्रिया पर उठाई जांच की मांग
गिरिराज सिंह का मुख्य जोर राजश्री यादव के बिहार में वोटर बनने की प्रक्रिया पर है। उन्होंने मांग की है कि इस बात की जांच की जाए कि राजश्री यादव किस तरह से बिहार में वोटर बनी हैं। सिंह ने पूछा, “क्या वह नागरिकता प्रमाण पत्र के साथ बनी हैं? क्योंकि आधार कार्ड पर तो स्पष्ट लिखा हुआ है कि यह नागरिकता को प्रमाणित नहीं करता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि आखिर डर किसको है और क्या घुसपैठियों को भारत का नागरिक होना चाहिए। यह बयान बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है, खासकर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के संदर्भ में।
तेजस्वी की चिंता और उसके बाद उठा विवाद
यह पूरा विवाद तब सामने आया जब तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक वीडियो साझा करते हुए चिंता व्यक्त की थी। तेजस्वी ने कहा था कि उनकी पत्नी, जो 2-3 महीने पहले ही बिहार की वोटर बनी हैं, अब फिर से उनका मतदाता पत्र बनवाना पड़ेगा। उन्होंने बताया था कि तब आधार कार्ड ही मान्य दस्तावेज था, लेकिन अब दूसरे दस्तावेज देने होंगे। तेजस्वी की इस चिंता के बाद गिरिराज सिंह ने उनकी पत्नी के नाम बदलने और नागरिकता को लेकर सीधा हमला बोला है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर
गिरिराज सिंह के बयानों को सीधे तौर पर तेजस्वी यादव और आरजेडी पर हमला माना जा रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो आगामी चुनावों में राजनीतिक गलियारों में खूब गूंज सकता है। भाजपा लगातार नागरिकता और घुसपैठ के मुद्दे को उठाती रही है, और अब गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के परिवार को इस विवाद में घसीट लिया है। यह देखना होगा कि आरजेडी और तेजस्वी यादव इस पर क्या पलटवार करते हैं।
इस बीच, गिरिराज सिंह ने कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “बिहार में नीतीश कुमार को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। आतंक फैलाओ, अपराध करो। राजनीतिक संरक्षित अपराध हो रहा है। कुछ लोग साजिश करके नीतीश कुमार को बदनाम करने के लिए यह कर रहे हैं, जिसका पर्दाफाश अब होने वाला है।” यह दिखाता है कि बिहार में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।