गोपाल खेमका हत्याकांड: लालू यादव के CA का किराएदार निकला मुख्य आरोपी?
खेमका मर्डर केस में सियासी मोड़, जेडीयू ने RJD को घेरा
- जेडीयू का दावा: गोपाल खेमका हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता अशोक शाह लालू यादव के सीए का किराएदार था।
- जेडीयू ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, विपक्ष अपने गिरेबां में झांके।
- पुलिस ने शूटर उमेश यादव की निशानदेही पर अशोक शाह को गिरफ्तार किया।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 8 जुलाई: पटना के चर्चित सरिया व्यापारी और बिल्डर गोपाल खेमका हत्याकांड में एक नया और सनसनीखेज मोड़ आ गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने दावा किया है कि इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता अशोक शाह, जो सुपारी देने वाला व्यवसायी बताया जा रहा है, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सुमन नायक का किराएदार रहा है। जेडीयू ने इस खुलासे के बाद आरजेडी पर तीखा हमला बोला है, जिससे बिहार की सियासत गरमा गई है।
जेडीयू का बड़ा दावा: आरजेडी से जुड़ा तार?
जेडीयू प्रवक्ता और बिहार राज्य सवर्ण आयोग के उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने मंगलवार (8 जुलाई 2025) की सुबह मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया। उन्होंने कहा कि “गोपाल खेमका हत्याकांड की निगरानी सीधे सीएम नीतीश कुमार कर रहे हैं। बिहार पुलिस ने पहले भी शानदार काम किया है। हर घटना के जवाबदेह लोगों की गिरफ्तारी हुई हैं, उनको जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है।” प्रसाद ने आगे कहा, “एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प तथ्य है कि अशोक कुमार शाह नाम के एक व्यवसायी के घर छापेमारी हुई है। अशोक कुमार शाह सरिया के व्यापारी थे और जानकारी के मुताबिक उनकी संलिप्तता हत्याकांड में सुपारी देने वाले व्यवसायी के तौर पर निश्चित की गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अशोक कुमार शाह, सुमन कुमार नायक, जो लालू प्रसाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, उनके घर पर किराएदार के तौर पर था। साफ है कि विपक्ष को कोहराम मचाने के बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।”
कैसे सुलझी हत्याकांड की गुत्थी?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पहले इस मामले में हथियार सप्लायर राजा की मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उसके बाद कथित शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार किया गया। उमेश यादव की निशानदेही पर ही पुलिस अशोक शाह तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया गया। अशोक शाह पर उमेश यादव को लगभग तीन लाख रुपये में खेमका की हत्या की सुपारी देने का आरोप है। हालांकि, अशोक शाह को गोपाल खेमका से क्या दिक्कत थी, यह अभी तक पुलिस ने आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया है। बिहार पुलिस के डीजीपी शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन बातों का खुलासा कर सकते हैं।
राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने सुबह ही इशारा कर दिया था कि पुलिस इस बात की जांच करेगी कि गिरफ्तार लोगों के संबंध किन-किन से हैं। अब राजीव रंजन प्रसाद के दावे के बाद यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है। जेडीयू ने सीधे तौर पर आरजेडी पर निशाना साधा है, जबकि आरजेडी इस पूरे मामले को नीतीश सरकार को बदनाम करने की साजिश बता रही है। राजीव रंजन प्रसाद ने 1990 से 2005 के दौर का भी जिक्र किया, जब बिहार में अपराधियों का बोलबाला था, यह दर्शाने के लिए कि नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासन में सत्ता पोषित अपराध को खत्म किया गया है।
अपराध और राजनीति का गठजोड़?
अशोक शाह का लालू यादव के सीए के घर में किराए पर रहना, बेशक एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन जेडीयू इसे एक बड़े राजनीतिक मुद्दे के तौर पर भुनाना चाह रही है। यह मामला दिखाता है कि बिहार में अपराध के मामलों में भी किस तरह से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो जाते हैं। पुलिस की जांच और उसके आधिकारिक खुलासे का इंतजार है, ताकि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। तब तक यह मामला बिहार की राजनीति में गरमाहट बनाए रखेगा।