समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 मई । देशभर के कबड्डी प्रेमियों के लिए गर्व की बात है — और खासकर जम्मू-कश्मीर के लिए, जहां से आए सात प्रतिभाशाली अधिकारियों ने ऑल इंडिया कबड्डी रेफरी परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया है। यह प्रतिष्ठित परीक्षा 1 से 4 मई 2025 तक जयपुर, राजस्थान में एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (AKFI) द्वारा आयोजित की गई थी।
इन अधिकारियों में अर्शिद अहमद राथर, फिरदौस अहमद राथर, नाहिदा नाड़ी, लियाकत अली मीर, उमर राशिद, राम कुमार और गौरव कुमार दुबे शामिल हैं। इन सभी ने न केवल अपनी तकनीकी दक्षता का परिचय दिया, बल्कि जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रीय कबड्डी मानचित्र पर गौरवान्वित भी किया।
यह परीक्षा भारतीय कबड्डी में तकनीकी स्तर पर सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। अब ये नवप्रशिक्षित रेफरी जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप, स्कूल नेशनल गेम्स, विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं, पुलिस गेम्स तक में रेफरी की भूमिका निभा सकेंगे। इससे न केवल खेल की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि खिलाड़ियों को भी निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के महासचिव, कुलदीप कुमार गुप्ता ने इस सफलता पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे अधिकारियों की यह उपलब्धि जम्मू-कश्मीर में कबड्डी के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है। यह सिर्फ एक परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि खेल के प्रति निष्ठा और समर्पण का प्रमाण है।”
वहीं, एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने सभी चयनित अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, “अब इन रेफरियों की जिम्मेदारी है कि वे अधिक से अधिक मैचों का संचालन करें और अपने अनुभव से खेल के मानकों को और ऊँचा उठाएं।”
AKFI द्वारा आयोजित इस रेफरी प्रशिक्षण कोर्स की वैधता तीन वर्षों के लिए होती है। इसके उपरांत इसे नवीनीकृत कराना अनिवार्य होगा। कोर्स के दौरान सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी खुद एशियन कबड्डी फेडरेशन के टेक्निकल डायरेक्टर और जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ कबड्डी पदाधिकारी कुलदीप कुमार गुप्ता द्वारा की गई।
यह उपलब्धि सिर्फ सात अधिकारियों की नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के युवा खेल संस्कृति की है। यह दर्शाता है कि यदि सही मार्गदर्शन और मंच मिले, तो देश के कोने-कोने से प्रतिभाएं सामने आ सकती हैं। इन नए रेफरियों से उम्मीद है कि वे न केवल नियमों को सख्ती से लागू करेंगे, बल्कि खेल भावना और निष्पक्षता के प्रतीक बनकर कबड्डी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।