दिलीप घोष की ममता बनर्जी से दीघा में मुलाकात, भाजपा में मचा घमासान

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दीघा, पश्चिम बंगाल — पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दीघा जगन्नाथ मंदिर में मुलाकात करने पर पार्टी में भारी नाराज़गी देखने को मिल रही है। बुधवार (30 अप्रैल) को जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के कुछ ही घंटों बाद दिलीप घोष अपनी पत्नी के साथ मंदिर पहुंचे, जहां राज्य मंत्री अरूप बिस्वास ने उनका स्वागत किया और बाद में वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंदिर परिसर में मिले।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस दौरे से पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, “हमने उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला लिया था। वे (दिलीप घोष) व्यक्तिगत हैसियत में गए थे, पार्टी की तरफ से नहीं।”

इस घटना ने बंगाल की सियासी हलचल को और तेज कर दिया है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि क्या दिलीप घोष अब तृणमूल कांग्रेस की ओर रुख कर सकते हैं, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में विपक्षी नेताओं के सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने की प्रवृत्ति बढ़ी है।

दिलीप घोष को पश्चिम बंगाल भाजपा का सबसे सफल अध्यक्ष माना जाता है, जिनके नेतृत्व में भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटें जीती थीं। हालांकि, 2021 में उन्हें हटाकर सुकांत मजूमदार को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2024 के लोकसभा चुनाव में घोष बर्दवान-दुर्गापुर सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व भाजपा नेता कीर्ति आज़ाद से हार गए थे। इसके अलावा पार्टी ने उन्हें मिदनापुर लोकसभा सीट से भी रिप्लेस कर दिया, जिसे वे 2019 में जीते थे।

पार्टी में उनकी अनदेखी की खबरें पिछले कुछ सालों से लगातार सामने आ रही थीं। दिलीप घोष की यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब पश्चिम बंगाल भाजपा 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए नए अध्यक्ष की तलाश कर रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिलीप घोष इस राजनीतिक विवाद के बाद क्या रुख अपनाते हैं और क्या भाजपा उन्हें अपने भीतर बनाए रख पाएगी।

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