OTT की वजह से फ्लॉप हो रहीं फिल्में, अक्षय कुमार को श‍िकायत, लोगों की आदत बन गई…

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 जनवरी।
आजकल बॉलीवुड की फिल्मों के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। OTT (ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म) की वजह से सिनेमा हॉल्स में फिल्में ज्यादा सफल नहीं हो पा रही हैं, और यह समस्या फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारे अक्षय कुमार जैसे स्टार्स को भी महसूस हो रही है। हाल ही में अक्षय कुमार ने अपनी फिल्मों की असफलता को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने यह माना कि OTT प्लेटफॉर्म्स की वजह से फिल्मों के प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है। उनका मानना है कि लोग अब थियेटर की बजाय OTT पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं, जिससे फिल्मों की सफलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

OTT का बढ़ता प्रभाव

OTT प्लेटफॉर्म्स जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar, और Zee5 ने पिछले कुछ सालों में भारतीय सिनेमा पर एक बहुत ही गहरा प्रभाव डाला है। लॉकडाउन के दौरान जब सिनेमा हॉल्स बंद थे, तब इन प्लेटफॉर्म्स ने फिल्म प्रेमियों को घर बैठे नई फिल्मों और वेब सीरीज का मनोरंजन दिया। अब, जब सिनेमाघर खुले हैं, तब भी लोगों की आदतें बदल गई हैं। लोग अब फिल्मों को घर पर आराम से देखना पसंद करते हैं, क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स पर न केवल फिल्में जल्दी रिलीज होती हैं, बल्कि यह सुविधा भी होती है कि आप अपने पसंदीदा कंटेंट को अपनी सुविधानुसार देख सकते हैं।

अक्षय कुमार का बयान

अक्षय कुमार ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “OTT प्लेटफॉर्म्स की वजह से फिल्में फ्लॉप हो रही हैं। लोग अब थियेटर की बजाय घर बैठे फिल्में देखना पसंद करते हैं। पहले, फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होती थीं और बड़ी हिट होती थीं, लेकिन अब वह ट्रेंड बदल गया है। यह लोगों की आदत बन चुकी है कि वे पहले OTT पर फिल्में देखते हैं।”

अक्षय ने यह भी बताया कि “हमें इस बदलाव को समझने की जरूरत है और नए तरीके से सोचने की आवश्यकता है।” उनका मानना है कि OTT प्लेटफॉर्म्स ने फिल्म उद्योग को बहुत कुछ दिया है, लेकिन इसके चलते सिनेमा हॉल्स में भीड़ कम हो रही है और यह फिल्म निर्माताओं के लिए एक चुनौती बन गई है।

OTT बनाम सिनेमा हॉल

OTT प्लेटफॉर्म्स पर फिल्मों के आने से दर्शकों को एक तरह से बहुत सी सहूलियत मिली है। अब लोग आसानी से घर पर बैठकर अपनी पसंदीदा फिल्में देख सकते हैं, और यही आदत धीरे-धीरे सिनेमा हॉल्स को भी नुकसान पहुंचा रही है। इसके अलावा, फिल्मों की रिलीज़ के तुरंत बाद OTT पर उपलब्धता ने दर्शकों को थिएटर जाने के बजाय घर पर आराम से फिल्म देखने का विकल्प दिया है।

दूसरी ओर, सिनेमा हॉल्स में जाकर फिल्म देखना अभी भी एक अलग अनुभव है। बड़ी स्क्रीन, ध्वनि प्रणाली और सामूहिक अनुभव जो थियेटर में मिलता है, वह OTT पर नहीं मिल सकता। लेकिन, नए-नए कंटेंट की धाराओं और घर पर सस्ता और सुविधाजनक तरीका मिलने के कारण लोग सिनेमाघरों की बजाय OTT पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।

क्या OTT फिल्मों के लिए खतरा बन सकता है?

अक्षय कुमार का यह बयान एक तरह से इस बदलते वक्त के संकेत का हिस्सा है, जहां एक तरफ फिल्म इंडस्ट्री डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ वह सिनेमा हॉल्स की पारंपरिक महत्ता को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। अब यह देखने वाली बात होगी कि फिल्म निर्माता, सितारे और दर्शक इस बदलाव के साथ किस तरह से सामंजस्य बैठाते हैं।

OTT प्लेटफॉर्म्स ने जहां दर्शकों को नए कंटेंट की बाढ़ दी है, वहीं यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए चुनौती भी बन गए हैं। भविष्य में अगर दर्शकों की आदतें और भी ज्यादा डिजिटल होती हैं, तो सिनेमा हॉल्स की व्यावसायिक सफलता को बनाए रखना कठिन हो सकता है।

निष्कर्ष

OTT की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में आए इस बदलाव से सिनेमा हॉल्स और फिल्म निर्माताओं के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। अक्षय कुमार जैसे बड़े स्टार का बयान इस बात को इंगित करता है कि अगर फिल्म इंडस्ट्री को इस बदलाव से निपटना है, तो उसे अपनी रणनीति में सुधार करना होगा। अब यह देखना होगा कि बॉलीवुड इस नए युग के साथ तालमेल कैसे बैठाता है और सिनेमा हॉल्स के महत्व को फिर से जीवित कैसे करता है।

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