किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कांग्रेस की हार के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ठहराया जिम्मेदार

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समग्र समाचार सेवा
कुरुक्षेत्र,,13 अक्टूबर। किसान नेता और संयुक्त संघर्ष पार्टी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के पीछे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि हुड्डा पार्टी का नाश करेंगे, और अब उनकी भविष्यवाणी सच साबित हो गई है।

चढूनी ने कहा, “हमें लोकसभा चुनाव में एक टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में भूपेंद्र सिंह मुकर गए। यदि वे अभय चौटाला के साथ समझौता करते और एक टिकट देते, तो उनकी पार्टी को हरियाणा में 9 सीटें मिल सकती थीं।”

उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा ने उनके साथ गद्दारी की। “भूपेंद्र सिंह ने मुझे फोन किया और कहा कि मुझे रोहतक सीट पर समर्थन कर दो, जबकि उन्हें पूरे हरियाणा के लिए बात करनी चाहिए थी।”

चढूनी ने आरोप लगाया कि हुड्डा ने कई बड़े नेताओं को किनारे कर दिया और किसान नेताओं से भी दूरी बना ली। इनमें रमेश दलाल, हर्ष छिकारा, बलराज कुंडू, कुमारी शैलजा, किरण चौधरी, और रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “हुड्डा सभी को किनारे करते-करते खुद किनारे लग गए हैं। मुझे विश्वास था कि राहुल गांधी ने किसान नेताओं को चुनाव में तवज्जो देने की बात की थी, लेकिन भूपेंद्र सिंह ने ऐसा नहीं किया।”

चढूनी ने कांग्रेस हाईकमान से अपील की कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष न बनाएं, क्योंकि पिछले 10 सालों में उन्होंने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई।

किसान आंदोलन के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह गलत हाथों में चला गया है और उनकी विचारधारा अब संसद या विधानसभा में पहुंचने की है ताकि वे अपनी आवाज उठा सकें।

उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “राजनीति में पैसे का खेल आम है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के अहंकार ने उसे नुकसान पहुंचाया है।”

चढूनी ने कांग्रेस को बचाने का सुझाव दिया, कहकर कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी की कमान संभालें, तो कांग्रेस बच सकती है। अन्यथा, भाजपा का राज यहां से नहीं जाएगा और कांग्रेस को अपने नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कार्रवाई करनी चाहिए।

 

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