कोलकाता रेप-मर्डर मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जांच
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 सितम्बर। कोलकाता में हुए रेप-मर्डर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच द्वारा की जा रही है।
घटना का पृष्ठभूमि
यह मामला कोलकाता के एक चर्चित रेप और मर्डर केस से जुड़ा हुआ है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस वीभत्स अपराध में एक महिला के साथ न केवल बलात्कार किया गया, बल्कि उसकी हत्या भी कर दी गई थी। घटना के बाद से ही राज्य में आक्रोश और जनता के बीच गहरा असंतोष देखा जा रहा है। पीड़िता के परिवार ने राज्य सरकार और पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष और प्रभावी जांच नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट में मामला
पीड़िता के परिवार द्वारा निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें यह मांग की गई कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपा जाए। परिवार का आरोप है कि राज्य पुलिस और स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई जांच में खामियां हैं और उन्हें इंसाफ नहीं मिला।
मुख्य बिंदु
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित जांच एजेंसियों से कई सवाल पूछे हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। बेंच ने कहा कि “यह मामला सिर्फ कानून और अपराध से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह समाज की नैतिकता और सुरक्षा के साथ भी सीधा जुड़ा हुआ है। इस प्रकार के अपराधों में न्याय में कोई देरी अस्वीकार्य है।”
जस्टिस जेबी पारदीवाला ने मामले की जांच के दौरान आई तकनीकी खामियों और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “पीड़िता के परिवार को न्याय मिलना चाहिए, और इसकी जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।”
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार की तरफ से पेश वकीलों ने कोर्ट में कहा कि जांच पूरी निष्पक्षता से की गई है और अपराधियों को पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने CBI जांच की मांग का विरोध किया और राज्य पुलिस की जांच प्रक्रिया को सही ठहराया।
CBI जांच की मांग
पीड़िता के परिवार और उनके वकीलों ने CBI द्वारा इस मामले की जांच की मांग को दोहराया है। उन्होंने कहा कि “स्थानीय पुलिस और प्रशासन के पास इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की क्षमता नहीं है, इसलिए इसकी जांच CBI या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए।”
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप-मर्डर मामले की सुनवाई अभी जारी है, और न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरी हुआ तो मामले की जांच के लिए CBI को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या अंतिम निर्णय लेता है और क्या जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया जाएगा।