चेन्नई के फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय में राष्ट्रीय धरोहर- अमूल्य तिरंगा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अगस्त। चेन्नई के फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय में 12 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा तिरंगा झंडा सुरक्षित रखा गया है, जो हमारे देश का अनमोल राष्ट्रीय खजाना है। यह झंडा 15 अगस्त, 1947 को फहराए गए पहले झंडों में से एक है और इसे भारत का एकमात्र संरक्षित और सुरक्षित राष्ट्रीय ध्वज माना जाता है, जिसे 1947 में फहराया गया था। यह शुद्ध रेशम से बना हुआ झंडा लगभग 3.50 मीटर लंबा और 2.40 मीटर चौड़ा है। इस तिरंगे को 15 अगस्त, 1947 को सुबह 5.30 बजे फोर्ट सेंट जॉर्ज में फहराया गया था।

संग्रहालय में स्थित भारतीय स्वतंत्रता गैलरी भारतीय ध्वज के विकास और तिरंगे के पीछे की गाथाओं को प्रदर्शित करती है, जिससे यह ऐतिहासिक धरोहर भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्रता हासिल करने के लिए किए गए समग्र संघर्ष का प्रतीक बन गई है।

फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय
फोर्ट सेंट जॉर्ज के इर्द-गिर्द ब्रिटिश बस्ती और उसके बाद के कई मूल गांवों और यूरोपीय बस्तियों के मद्रास शहर में विलय से आधुनिक चेन्नई शहर का उद्भव हुआ।

फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय को 31 जनवरी, 1948 को जनता के लिए खोला गया था। किले में बिखरे ब्रिटिश राज के अवशेषों को संरक्षित करने के लिए इस संग्रहालय की स्थापना 1946 में पुराने मद्रास गार्ड के कर्नल डी.एम. रीड द्वारा की गई थी। संग्रहालय के रिसेप्शन पर एक चित्र है, जो किले के विकास और 1640 से इसके निर्माण को दर्शाता है।

इस संग्रहालय में अब औपनिवेशिक काल की तीन हजार पांच सौ से अधिक कलाकृतियां संरक्षित हैं। इनमें से सबसे बेहतरीन कलाकृतियों को नौ दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है, जो उस दौर की ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत करती हैं।

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