समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 09जुलाई। हाथरस भगदड़ हादसे की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था. SIT ने हादसे की जांच पूरी कर रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी थी. जांच रिपोर्ट में हादसे के सवालों के जवाब हैं. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में फिलहाल भोले बाबा की किसी गलती का जिक्र अभी नहीं है. यह जांच 150 लोगों के बयानों के साथ पूरी की गई है।
बता दें कि एक सप्ताह पूर्व 2 जून, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के गांव फुलरई में नारायण साकार विश्व हरि के सत्संग में भगदड़ मचने के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे की जांच के लिए यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने 300 पेज की अपनी जांच रिपोर्ट में हाथरस के डीएम और एसपी समेत 150 लोगों के बयान दर्ज किए हैं.
एसआईटी की जांच रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है कि किस तरह से भगदड़ हुई, क्या इंतज़ाम थे, किसका क्या रोल रहा और घटना के लिए जिम्मेदार कौन है. इन सब बातों का जिक्र इस रिपोर्ट में हैं. आगरा की एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ और अलीगढ की डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी ने ये रिपोर्ट तैयार की है. ऐसा माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट के परीक्षण के बाद दोषी पाए गए अफसर, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. क्राउड मैनेजमेंट का पर्याप्त इंतजाम न होने से स्थानीय प्रशासन पर गाज गिर सकती है.
हाथरस हादसे के बाद से नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा फरार हैं. उन के वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि हादसे वाले दिन कुछ अराजकतत्वों ने श्रद्धालुओं की भीड़ पर जहरीला स्प्रे किया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ. वहीं, शुरूआती मामले में कहा गया था कि सत्संग की समाप्ति के अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ नारायण साकार विश्व हरि के काफिले के पीछे उनके चरणों की रज(धूल) लेने के लिए टूट पड़ी थी जिसके बाद हादसा हो गया.