कुलपति पर आरोप लगाने वाली छात्रा ने अदालत में जमा किए 50 हजार, मुख्य न्यायमूर्ति की बेंच ने मेरठ विवि के कुलपति को पक्ष रखने को कहा

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समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज, 6जूलाई। मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए जांच की मांग में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाली छात्रा ने कोर्ट के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष 50 हज़ार रुपये जमा करा दिए हैं।
इससे पूर्व अदालत ने छात्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए शर्त रखी थी कि जिस प्रकार के आरोप याचिका में लगाए गए हैं उन पर अदालत तभी सुनवाई करेगी जब याची 50 हज़ार रुपये संभावित हर्जाने की राशि के तौर पर अग्रिम रूप से हाईकोर्ट में जमा करेगी।

यदि उसके द्वारा लगाए गए आरोप सही प्रतीत होते हैं तो अदालत याचिका पर सुनवाई करेगी और यदि आरोप मनगढ़ंत पाए गए तो अदालत छात्र द्वारा जमा की गई 50 हज़ार की राशि को जब्त कर लेगी।

याची छात्रा नीतू ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के समक्ष 50 हज़ार जमा करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए न्यायालय से मामले में सुनवाई की मांग की। इसके बाद याचिका पर सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

उल्लेखनीय है की छात्रा नीतू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसका विरोध करते हुए विश्वविद्यालय के अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी ने आपत्ति की, कि छात्रा द्वारा लगाए गए आरोप कई प्रकार के सवाल खड़े करते हैं।

कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में प्रश्न है कि छात्रा के पास ऐसे गोपनीय दस्तावेज कहां से आए जिनके के आधार पर वह करोड़ों के गबन का दावा कर रही है। साथ ही छात्र का याचिका दाखिल करने का उद्देश्य क्या है। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जनहित याचिका दाखिल करने के पीछे कुछ ऐसे लोग हैं जो कुलपति को अस्थिर करना चाहते हैं तथा छात्रा को मोहरा बनाया जा रहा है।

इस पर कोर्ट ने छात्रा के समक्ष शर्त रखी की यदि उसके द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद पाए गए तो उसे पर हर्जाना लगाया जा सकता है।

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