दिल्ली-एनसीआर में गर्मी का कहर जारी, हीटस्ट्रोक के चलते 20 से ज्यादा मौतें, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया ये निर्देश
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 जून। उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद समेत कई शहरों में मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. बुधवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण पांच से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लगभग एक दर्जन लोगों की हालत गंभीर है. RML अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि पिछले दो दिनों में संदिग्ध हीटस्ट्रोक वाले 22 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें ज्यादातर मजदूर हैं. वहीं, नोएडा में भी बीते 24 घंटे में अलग-अलग जगहों में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. आशंका जताई जा रही है कि ये सभी मौतें लू और हीटस्ट्रोक के चलते हुई हैं. उत्तर भारत के कई और शहरों से ऐसी ही मौत की खबरें सामने आ रही हैं, जिनके पीछे का कारण भीषण गर्मी को बताया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों को हीटस्ट्रोक के मरीजों का प्राथमिकता के आधार पर इलाज करने की सलाह जारी की है.
अस्पताल देरी से पहुंच रहे हैं मरीज
दिल्ली के सरकारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में, 27 मई से गर्मी से संबंधित समस्याओं वाले 45 मरीजों को भर्ती कराया गया है. अस्पताल ने 27 मई से ऐसी समस्याओं के कारण नौ मौतों की सूचना दी है और इनमें से सात मौतें पिछले दो दिनों हुई हैं. दिल्ली के अन्य अस्पतालों में भी हीटस्ट्रोक के कारण बहुत से लोग भर्ती हो रहे हैं. डॉ. अजय शुक्ला के मुताबिक हीटस्ट्रोक से पीड़ित अधिकांश मरीज ऐसे हैं जो मजदूरी का काम करते हैं. ऐसे लोगों को सीधे तौर पर लू और धूप का सामना करना पड़ता है. अजय शुक्ला ने ये भी बताया कि मरीजों के अस्पताल पहुंचने में देरी की वजह से मौत की संभावना बढ़ती है. ज्यादातर मरीज अपनी जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनके शरीर को नॉर्मल टेंपरेचर पर लाने में बहुत देर हो जाती है. डॉ. अजय शुक्ला ने कहा, ‘मृत्यु दर भी बहुत अधिक है, लगभग 60-70 प्रतिशत है, देरी से बहुत सारी मौतें हो सकती हैं.’
हीटस्ट्रोक मरीज देखें तो क्या करें?
डॉ. शुक्ला ने कहा कि लू के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है. हमें लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है. अगर आपको संदेह है कि कोई व्यक्ति हीटस्ट्रोक से पीड़ित है, तो तुरंत अस्पताल जाने के बजाय, आपको वहीं पर कूलिंग शुरू करनी चाहिए. उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करते समय पानी, बर्फ का उपयोग करें. हमारे पास है एम्बुलेंसों को भी अपग्रेड किया गया ताकि मरीजों तक पहुंचने के तुरंत बाद उन्हें ठंडा किया जा सके.’ दिल्लीवासी लगभग एक महीने से भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं. शहर में न्यूनतम तापमान 35 डिग्री को पार कर गया है – सामान्य से कई डिग्री अधिक – और अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास है. नल का पानी दिन भर गर्म रहता है, और यहां तक कि एयर कंडीशनर भी राहत पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.