राष्ट्रवादी नव निर्माण दल का दावा: उत्तर प्रदेश में लोक सभा की सीटें हमारी वजह से हुई कम, यदि नहीं सुधरे तो 2027 विधान सभा चुनाव में होगा बड़ा नुक़सान

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
ग़ाज़ियाबाद, 8जून। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों पर जीत के साथ बहुमत हासिल किया है। वहीं, इंडिया गठबंधन के खाते में 233 सीटें गयी हैं। तमाम एग्जिट पोल्स के अनुमानों को गलत साबित करते हुए चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद जहां एनडीए की सीटें घटी हैं वहीं, इंडिया गठबंधन की सीटें बढ़ी हैं। इस बार 208 सीटें ऐसी रहीं जो सत्‍ताधारी पार्टी के कब्‍जे से व‍िपक्षी पार्टी के कब्‍जे में चली गईं। 2019 में ऐसी 178 सीटें थीं।

2024 के चुनाव में 41 सीटें ऐसी रहीं जो पहले बीजेपी के खाते में थी, पर इस बार कांग्रेस के खाते में चली गईं । बीजेपी के कब्‍जे वाली 47 सीटें इंड‍िया गठबंधन की गैर कांग्रेसी पार्ट‍ियों के खाते में गईं । वहीं 9 सीटें ऐसी रहीं जो कांग्रेस से भाजपा के खाते में आयीं। 88 सीटें ऐसी रहीं जो बीजेपी से कांग्रेस व इंड‍िया गठबंधन की अन्‍य पार्ट‍ियों के खाते में गईं । एक ओर जहां बीजेपी 400 से अधिक सीटों का दावा कर रही थी वह मात्र 240 सीटों में सिमट कर रह गई ।

उत्तर प्रदेश में भी ऐसी कई सीटे हैं, जिसमें बीजेपी को राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीकान्त त्यागी की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है, रा.न.द. सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी द्वारा भाजपा को उपचुनाव 2022 में विधानसभा-खतौली जनपद-मुज़फ़्फ़रनगर उत्तर प्रदेश में त्यागी भूमिहार समाज को भाजपा के विरुद्ध लामबंद कर त्यागी भूमिहार समाज की 25000 वोटो को पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी व बीजेपी प्रत्याशी राजकुमारी सैनी के विरुद्ध सपा+आरएलडी गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया को दिलवाने का काम किया, जिस कारण भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी 22143 वोट से चुनाव हार गयी, इसी के साथ आम लोकसभा चुनाव 2024 उत्तर प्रदेश में भी रा.न.द. सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी चुनाव के प्रारंभ से ही त्यागी भूमिहार समाज को बीजेपी के विरुद्ध लामबंद करने का कार्य कर रहे थे, जिसमें पूरे उत्तर प्रदेश में त्यागी भूमिहार समाज ने उनकी मुहिम में उनका पूरा साथ दिया, जिसके कारण उत्तर प्रदेश में पश्चिम से पूर्वांचल तक बीजेपी को 26 लोकसभा सीटों (गौतमबुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, बागपत, मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर, सहारनपुर, नगीना, कैराना, बिजनौर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बदायूं, आगरा, आज़मगढ़, कुशीनगर, श्रावस्ती, अयोध्या, प्रयागराज, बलिया, ग़ाज़ीपुर, घोसी, वाराणसी, चांदोली, जौनपुर) पर भारी नुकसान झेलना पड़ा है ।

चुनाव के परिणाम में साफ तौर पर देखा गया कि बीजेपी को नहीं मिला है त्यागी भूमिहार समाज का वोट, त्यागी भूमिहार समाज ने राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी की मुहिम में साथ देकर इंडिया गठबंधन को पूर्ण समर्थन दिया है, जिस कारण त्यागी भूमिहार बाहुल्य लोकसभा सीटो पर भाजपा को 16 सीटो पर हार का सामना करना पड़ा है व शेष 10 सीटो पर बहुजन समाज पार्टी का वोट भाजपा को ट्रांसफ़र हो जाने के चलते भाजपा उक्त 10 सीटो को जीतने में कामयाब रही परंतु उक्त 10 सीटो पर अगर बहुजन समाज पार्टी के वोट को बीजेपी से अलग कर दिया जाये तो स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि त्यागी भूमिहार समाज का वोट भाजपा को न मिलकर इंडिया गठबंधन प्रत्याशी को बड़ी संख्या में मिला है, आपको बताते चले कि भाजपा द्वारा जीत दर्ज करायी गयी उक्त 10 सीटो में से 1 सीट मेरठ ऐसी है जिसे भाजपा संगठन ने बड़ी ही समझदारी से त्यागी भूमिहार समाज के वोटरो को बाटते हुए रामायण धारावाहिक में श्री राम का अभिनय कर चुके अरुण गोविल को 10585 वोटो से विजयी बनाने में कामयाबी हासिल की है, उक्त सीट पर त्यागी समाज का वोट क़रीब 2,30,000 की संख्या में है साथ ही साथ आपको बता दे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी भूमिहार समाज की आबादी क़रीब 65 लाख व पूर्वांचल में क़रीब 57 लाख की संख्या में मोज़ूद है जो की चुनावी परिणामों को बदलने के लिए पर्याप्त संख्या में है, उत्तर प्रदेश में रा.न.द. सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी को त्यागी भूमिहार समाज के लोग छोटे लोकबंधु राजनारायण के रूप में मानते है जिसका कारण श्रीकान्त त्यागी के क्रांतिकारी तेवर, निडर स्वभाव व अपने समाज एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में निरंतर सहभागी बने रहना भी प्रमुख वजह है, उत्तर प्रदेश में आने वाले आम विधानसभा चुनाव 2027 में श्रीकान्त त्यागी उत्तर प्रदेश की राजनीति में किंग मेकर साबित हो सकते हैं ।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.