समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23मई। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 1,400 से अधिक कर्मचारियों के हटने के बाद सोमवार से संसद की सुरक्षा पूरी तरह से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले होगी और इसके 3,300 से अधिक कर्मी आतंकवाद रोधी तथा अन्य सुरक्षा दायित्वों की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले लेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) ने शुक्रवार को परिसर से अपना पूरा प्रशासनिक और परिचालन अमला (वाहन, हथियार और कमांडो) हटा लिया तथा डीआईजी रैंक के अधिकारी इसके कमांडर ने सभी सुरक्षा जिम्मेदारियां सीआईएसएफ को सौंप दीं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने एवं नए संसद भवन और इस परिसर में स्थित अन्य इमारतों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के कुल 3,317 कर्मियों को शामिल किया जा रहा है। पिछले वर्ष 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा में चूक की घटना के बाद सरकार ने सीआईएसएफ को सीआरपीएफ से सुरक्षा का कार्यभार संभालने को कहा था। 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे। उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ा था तथा नारेबाजी की थी।
सीआईएसएफ कर्मियों को ये प्रशिक्षण दिया गया
सीआईएसएफ कर्मियों को संसद की ड्यूटी पर भेजे जाने से पहले सामान की जांच, व्यक्तिगत तलाशी, विस्फोटक का पता लगाने व इससे निपटने, आतंकवाद रोधी त्वरित कार्रवाई, अचूक निशानेबाजी और बातचीत व शिष्टाचार जैसा प्रशिक्षण दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन कर्मियों ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो के साथ भी प्रशिक्षण लिया है।