अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानी संगठन से फंड लेने का आरोप,उपराज्यपाल सक्सेना ने की जांच की सिफारिश

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 07मई। दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब उनपर एनआईए का शिकंजा भी कसने वाला है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ से कथित तौर पर धन लेने के लिए अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है.

केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उपराज्यपाल सचिवालय ने कहा कि सक्सेना को शिकायत मिली थी कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को कथित तौर पर देवेन्द्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए चरमपंथी खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद मिली थी.

पत्र में उपराज्यपाल ने क्या कहा?
वीके सक्सेना ने कहा, ‘शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के फॉरेंसिक परीक्षण सहित जांच की आवश्यकता है.’ पत्र में कहा गया है कि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से प्राप्त राजनीतिक धन से संबंधित है.

यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार करने से एक दिन पहले आया है. अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

उन्हें बीती 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और ईडी की रिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है. जिसपर कल फैसला आ सकता है.

इस मामले को लेकर आप नेताओं ने बीजेपी और उपराज्यपाल पर हमला बोला है. दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा, ‘एलजी बीजेपी के एजेंट हैं. यह बीजेपी के इशारे पर सीएम केजरीवाल के खिलाफ उनकी एक और बड़ी साजिश है. बीजेपी दिल्ली की सातों सीटें हार रही है और इसलिए परेशान है. पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने ये साजिश रची थी.’

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