“सुरक्षित कार्यस्थल- पीओएसएच अधिनियम की बुनियादी समझ, लिंग संवेदनशीलता, कानूनी ढांचा, नीतियां और प्रक्रिया” पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

 6 से 8 मई, 2024 तक चलेगा यह सम्मेलन

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समग्र समाचार सेवा
गंगटोक, 6 मई। आईसीएफएआई लॉ स्कूल, आईएफएचई, हैदराबाद के सम्मानित संरक्षण में, भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए “सुरक्षित कार्यस्थल- पीओएसएच अधिनियम की बुनियादी समझ, लिंग संवेदनशीलता, कानूनी ढांचा, नीतियां और प्रक्रिया” पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आज गंगटोक के सुरम्य शहर में आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया गया। यह सम्मेलन 6 से 8 मई, 2024 तक आयोजित होने वाला है।

कार्यक्रम की शुरुआत एक ज्ञानवर्धक उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसमें आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी सिक्किम के कुलपति डॉ. जगन्नाथ पटनायक की उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यस्थल पर उत्पीड़न पर एक व्यावहारिक भाषण दिया। आईसीएफएआई लॉ स्कूल, आईएफएचई, हैदराबाद के निदेशक डॉ. एवीएन नरसिम्हा राव ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न को समझने और उसका मुकाबला करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी सिक्किम के रजिस्ट्रार प्रो. रोहित राठी ने सभी उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों की उपस्थिति देखी गई, जिनमें आईसीएफएआई विश्वविद्यालय सिक्किम से प्रो. प्रीतम सुब्बा, प्रो. सोनी सुबेदी और डॉ. नुमा लिम्बू और आईएफएचई, हैदराबाद से प्रो. रेक राज जैन, डॉ. वीना और प्रो. अन्वेषा पाणिग्रही शामिल हैं, जो कानून और लैंगिक संवेदनशीलता के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। देश भर के विभिन्न राज्यों से 20 से अधिक भारतीय वन सेवा अधिकारी इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को यौन उत्पीड़न रोकथाम (POSH) अधिनियम, लैंगिक संवेदनशीलता, कार्यस्थल उत्पीड़न से संबंधित कानूनी ढांचे के साथ-साथ सभी व्यक्तियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाने वाली आवश्यक नीतियों और प्रक्रियाओं की व्यापक समझ प्रदान करना है।

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