नेपाल के 100 रुपये के नोट पर भारतीय इलाके दिखाए जाने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिखाई अपनी प्रतिक्रिया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5मई। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल की अध्यक्षता में गुरुवार (2 मई) को मंत्रिपरिषद की बैठक का आयोजन हुआ जिसमें ये फैसला लिया गया कि नेपाल के पुराने नोटों को नए नोटों के साथ बदला जाएगा. इन नोटों के ऊपर नया नक्शा छापा जाएगा. वहीं इन नए नक्शों पर भारत के वो तीन विवादित क्षेत्र भी होंगे जिनपर नेपाल अपना हक जमाता है. 100 रुपये के नोट के ऊपर नेपाल भारत का हिस्सा कहे जाने वाले लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को शामिल करना चाहता है.

इसी मामले की जानकारी की खबर देते हुए सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने बताया कि बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का फैसला लिया गया है. नेपाल सरकार की संचार मंत्री रेखा शर्मा ने नेपाल द्वारा लिए गए फैसले की जानकारी भारत को दी. जिसके बाद भारत और नेपाल के रिश्तों में औऱ गर्मा गर्मी आ गई है.

नेपाल की ओर से अपने नए मैप में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के क्षेत्रों को शामिल करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि नेपाल के इस कदम से असल स्थिति या जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.

जयशंकर ने भुवनेश्वर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है. नेपाल के साथ हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे हैं. इसके बीच में उन्होंने एकतरफा तौर पर अपनी तरफ से कुछ कदम उठाए.”

बता दें कि भारत के साथ संबंधों में गिरावट के चार साल बाद काठमांडू में सरकार ने 100 रुपये का नोट जारी करने का फैसला किया है, जिसमें देश के मानचित्र को भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्रों के साथ दर्शाया गया है. नेपाल सरकार की प्रवक्ता और संचार मंत्री रेखा शर्मा के अनुसार, नए नोट पर इन इलाकों को दर्शाने का फैसला गुरुवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद लिया गया.
नेपाल कैबिनेट के फैसले को नेपाल के केंद्रीय बैंक राष्ट्र बैंक को भेजा जाएगा, जिसे नए नोट छापने में एक साल तक का समय लग सकता है. केंद्रीय बैंक को गुणवत्तापूर्ण नोट छापने के लिए टेंडर निकालना होगा.

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