गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल l
पिछले आठ साल में हरियाणा में महिला उत्पीडन की घटनाएं बढ़ रही है- मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज से. पी एच डी करने वाले वेदपाल की शोध का निष्कर्ष l
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल l
पिछले आठ साल में हरियाणा में महिला उत्पीडन की घटनाएं बढ़ रही है- मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज से. पी एच डी करने वाले वेदपाल की शोध का निष्कर्ष l
महिला उत्पीडन के खिलाफ मीडिया की जागरूकता भी अप्रभावी l’हरियाणा में महिला उत्पीड़न के विरुद्ध मीडिया की जागरूकता अप्रभावी ‘
हरियाणा में महिला उत्पीड़न के विरुद्ध मीडिया की जागरूकता अप्रभावी है यह जानकारी एक रिसर्च के माध्यम से सामने आई है!
महिला उत्पीड़न और मीडिया की भूमिका : हरियाणा की भूर्ण-हत्या समस्या पऱ अध्ययन’ विषय पऱ आबकारी एवं कराधान विभाग में क़र निरीक्षक वेदपाल सिंह ने अपनी पीएचडी की डिग्री के लिए उपरोक्त विषय पऱ अध्ययन किया, जिसके परिणाम में यह बात सामने आई! वेदपाल ने बताया की1
उन्होंने अध्ययन के लिए हरियाणा प्रदेश के पांच जिलों को जिनमे अम्बाला, हिसार, रोहतक, फ़रीदाबाद और मेवात को नमूना जिलों के तौर पऱ लिया था और इस जिलों के लोगों से एक प्रशनावली के माध्यम से इंटरव्यू किया गया, और प्राप्त आंकडों से सांख्यकीय परीक्षनों से परिणाम निकाले गये तो ये पाया गया की दो जिलों अम्बाला और हिसार में महिला उत्पीड़न के खिलाफ मीडिया के जागरूकता का अच्छा प्रभाव पाया गया जबकि अन्य तीन जिलों जिसमें रोहतक, फ़रीदाबाद और मेवात में महिला उत्पीड़न के खिलाफ मीडिया की जागरूकता का प्रभाव अप्रभावी पाया गया है1
उन्होंने बताया की परिणाम में ये भी सामने आया की प्रदेश के अधिकतर लोगों का ये मानना है की हरियाणा में पिछले आठ वर्षो में महिला उत्पीड़न की घटनाओ में लगातार वृद्धि हुई है और मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करके इन अपराधों पऱ रोक लगाई जा सकती है, जिसमे प्रिंट मीडिया के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया,परम्परागत मीडिया, सिटीजन जर्नीलिस्म भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है1
रिसर्च के निष्कर्ष में मीडिया प्रोफेशनल के लिए कुछ सुझाव दिये गये है ताकि महिला उत्पीड़न की घटनाओं पऱ मीडिया के माध्यम से प्रदेश के लोगों को जागरूक करके इस पऱ रोक लगाई जा सके1
इन सुझाव में बताया गया की पत्रकारों को लेखन करते समय मीडिया के सिद्धांतों और दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए1 इसके साथ पत्रकारों को महिला विरुद्ध विचाधारा, भ्रामक करने वाली खबरें और लेखों को प्रसारित और प्रकाशित नहीं करना चाहिए1