इंडोनेशिया में चलेगा गांधी जी वाला नोट, यहां जानें RBI और इंडोनेशियाई सेंट्रल बैंक के बीच क्‍या हुआ है करार

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 मार्च। डॉलर, यूरो, पौंड या दूसरी किसी विदेशी करेंसी के दबदबे को खत्‍म करने की दिशा में इंडोनेशिया और भारत ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंक इंडोनेशिया (बीआई) ने गुरुवार को द्विपक्षीय व्यापार में लोकल करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। BI इंडोनेश‍िया का सेंट्रल बैंक है। आरबीआई ने बयान में कहा कि सीमापार लेनदेन के लिए भारतीय रुपये और इंडोनेशियाई रुपैया (IDR) के इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने को लेकर व्यवस्था बनाने के लिए यहां एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।

यह व्यवस्था निर्यातकों और आयातकों को संबंधित घरेलू करेंसी में बिल और भुगतान करने की सुविधा देगी। इससे रुपया और इंडोनेशियाई करेंसी के विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार के विकास में मदद मिलेगी। आरबीआई ने कहा, ‘स्थानीय करेंसी के उपयोग से लेनदेन की लागत और निपटान समय कम होगा।’

एमओयू पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और बैंक इंडोनेशिया के गवर्नर पेरी वारजियो ने हस्ताक्षर किए। आरबीआई ने कहा, ‘…समझौता ज्ञापन का मकसद द्विपक्षीय रूप से रुपया और आईडीआर के उपयोग को बढ़ावा देना है।’ आरबीआई ने यह भी बताया है कि एमओयू सभी करंट अकाउंट, ट्रांजेक्‍शन, परमिसिबल कैपिटल अकाउंट ट्रांजेक्‍शन और दोनों देशों की ओर से सहमति के अनुसार किसी भी अन्य आर्थिक और वित्तीय लेनदेन को कवर करता है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह सहयोग आरबीआई और बीआई के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसमें कहा गया है कि द्विपक्षीय लेनदेन में स्थानीय करेंसी का इस्‍तेमाल अंततः भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय एकीकरण और आपसी लंबे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में योगदान देगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.