कांग्रेस का हाथ सदा राष्ट्रद्रोहियों के साथ क्यों: अनुराग ठाकुर

कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने वालों को क्यों बचा रही थी कांग्रेस: अनुराग ठाकुर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,06 मार्च। कभी सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना, उनक मनोबल तोड़ना, कभी भारत को उत्तर-दक्षिण के नाम पर बाँटना, कभी विधानसभा जैसी पवित्र जगह पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाना, कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े होना, क्या ये एक बार फिर भारत के विभाजन की कांग्रेसी साज़िश तो नहीं?

केंद्रीय सूचना प्रसारण व खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने वाले आरोपियों के वीडियो को फोरेंसिक लैब से सत्य पाए जाने पर कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व आख़िर इन राष्ट्रद्रोहियों को क्यों बचा रहा था।

अनुराग ठाकुर ने कहा “ जहां एक तरफ़ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा का एक एक कार्यकर्ता राष्ट्र की एकता, अखंडता संप्रभुता बनाए रखने के लिए कृतसंकल्पित नज़र आता है तो दूसरी तरफ़ ना जाने क्यों कांग्रेस का हाथ सदा राष्ट्रद्रोहियों के साथ नज़र आता है। आज कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटना के मामले में एफएसएल रिपोर्ट, मौके से मिले सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर तीन लोगों की गिरफ़्तारी हुई है। हाल ही में राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन के समर्थकों ने कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे जिसका भाजपा ने पुरज़ोर तरीक़े से विरोध किया था और आरोपियों के गिरफ़्तारी की माँग की थी। मगर हैरानी की बात है कि ना सिर्फ़ कांग्रेस के स्थानीय नेता बल्कि इनका शीर्ष नेतृत्व भी इन राष्ट्रद्रोहियों के साथ खड़ा नज़र आया जोकि एक राष्ट्र के तौर पर अत्यंत शर्मनाक घटना थी”

आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ भाजपा के अथक प्रयासों से आज इनका असली चेहरा सामने आया और इन राष्ट्रद्रोहियों की गिरफ़्तारी हुई। मगर सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान ज़िंदाबाद से लेकर बंगलुरू ब्लास्ट तक आख़िर इनके तार कहाँ तक जुड़े हैं? कांग्रेस के सांसद की उपस्थिति में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगे और उन्होंने इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा मतलब इस कुकृत्य को सांसद और पार्टी की मूकसहमति थी? कांग्रेस के विधायक के नाम पर विधानसभा के अंदर के पास बने थे तो मतलब सांसद के साथ-साथ विधायक की भी इस जघन्य अपराध में संलिप्तता थी? कांग्रेस नेता सैयद नसीर हुसैन व कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के क्या संबंध हैं? आख़िर ऐसी देशविरोधी ताकतों को कांग्रेस सदा संरक्षण क्यों देती है? क्या सोनिया-खरगे को ऐसी राष्ट्रविरोधी ताकतों का संरक्षण प्राप्त है? कभी सेना के शौर्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना, उनक मनोबल तोड़ना, कभी भारत को उत्तर-दक्षिण के नाम पर बाँटना, कभी विधानसभा जैसी पवित्र जगह पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाना, कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े होना, क्या ये एक बार फिर भारत के विभाजन की कांग्रेसी साज़िश तो नहीं?

“राज्यसभा जैसे चुनाव में अगर कांग्रेस ये कुकर्म कर सकती है तो आगामी लोकसभा चुनावों में ये किस हद तक गिर सकते हैं। अगर भाजपा के दबाव में फ़ोरेंसिक रिपोर्ट पब्लिक नहीं होती तो आज शायद गिरफ़्तारी नहीं होती।”

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