“हम सरकार को दिल्ली से बाहर ले जा रहे हैं और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली के बाहर आयोजित करने का चलन बढ़ रहा है”: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने गुजरात के राजकोट में 48,100 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए उन्हें राष्ट्र को किया समर्पित
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के राजकोट में 48,100 करोड़ रुपये से भी अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और इनकी आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में स्वास्थ्य, सड़क, रेल, ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने माननीय राज्यपालों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों और विधानसभाओं और केंद्रीय मंत्रियों की वर्चुअली उपस्थिति के लिए उनका धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब सभी प्रमुख विकास कार्यक्रम अकेले नई दिल्ली में चलाए जाते थे और इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान सरकार ने इस परिपाटी को बदल दिया और वह इसे भारत सरकार को देश के हर कोने तक ले गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “राजकोट में आज का आयोजन इस विश्वास का प्रमाण है”। साथ ही उन्होंने इस समर्पण को भी रेखांकित किया कि देश में कई स्थानों पर शिलान्यास समारोह हो रहे हैं क्योंकि यह एक नई परंपरा को आगे बढ़ाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू में एक कार्यक्रम से आईआईटी भिलाई, आईआईटी तिरूपति, आईआईआईटी कुरनूल, आईआईएम बोधगया, आईआईएम जम्मू, आईआईएम विशाखापत्तनम और आईआईएस कानपुर के शैक्षणिक संस्थानों के उद्घाटन को याद करते हुए कहा कि आज एम्स राजकोट, एम्स रायबरेली, एम्स मंगलगिरि, एम्स बठिंडा और एम्स कल्याणी का उद्घाटन है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “खासकर जब आप इन 5 एम्स को देखते हैं तो पता चलता है कि विकासशील भारत में तेजी से काम हो रहा है।”
प्रधानमंत्री ने राजकोट से अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और कहा कि 22 साल पहले वह यहां से विधायक चुने गये थे। 22 साल पहले 25 फरवरी को उन्होंने विधायक पद की शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने राजकोट की जनता के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है। आभार प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं देख सकता हूं कि पीढ़ियां बदल गई हैं लेकिन मोदी के प्रति स्नेह किसी भी उम्र की सीमा से परे है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज का दिन न केवल राजकोट के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है”, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि राजकोट आज विकसित भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के वांछित स्तर की एक झलक प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आजादी के 50 साल तक देश में केवल एक एम्स था, वह भी दिल्ली में। उन्होंने कहा कि भले ही आजादी के सात दशकों के दौरान केवल सात एम्स चालू किए गए थे, लेकिन उनमें से कुछ पूरे नहीं हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 10 दिनों में, देश ने सात नए एम्स का शिलान्यास और उद्घाटन देखा है”, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि वर्तमान सरकार ने पिछले 70 वर्षों में किए गए कार्यों की तुलना में तेज गति से काम पूरा किया है। जिससे देश को विकास के रास्ते पर ले जाया जा सके। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों, मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों के सैटेलाइट केंद्रों और चिंताजनक बीमारियों के इलाज के केंद्रों सहित 200 से अधिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखने और समर्पित करने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने ‘मोदी की गारंटी मतलब गारंटी पूरा करने की गारंटी’ का वादा दोहराते हुए कहा कि राजकोट एम्स का शिलान्यास 3 साल पहले उन्होंने ही किया था और आज वह गारंटी पूरी हो गई है। इसी तरह पंजाब को एम्स की गारंटी दी गई और इसका शिलान्यास और उद्घाटन भी पीएम मोदी ने किया। यही चक्र रायबरेली, मंगलगिरि, कल्याणी और रेवारी एम्स के लिए भी हुआ है। पिछले 10 वर्षों में अलग-अलग राज्यों में 10 नए एम्स स्वीकृत किए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा, “मोदी की गारंटी वहीं से शुरू होती है जहां दूसरों से अपेक्षाएं खत्म होती हैं।”
प्रधानमंत्री ने पोषण, योग, आयुष और स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा, “सरकार बीमारी की रोकथाम के साथ-साथ उससे लड़ने की क्षमता को भी प्राथमिकता देती है।” उन्होंने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा दोनों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और आज महाराष्ट्र और हरियाणा में उद्घाटन किए जा रहे योग और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित दो बड़े अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी बताया कि डब्ल्यूएचओ का पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली से संबंधित वैश्विक केंद्र भी यहां गुजरात में बनाया जा रहा है।
गरीबों और मध्यम वर्ग को पैसे बचाने के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद करने की दिशा में, प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना पर प्रकाश डाला, जिसने 1 लाख करोड़ रुपये बचाने में मदद की है, और जन औषधि केंद्र जो 80% छूट पर दवाएं प्रदान करते हैं। इससे 30 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों ने 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है, मोबाइल डेटा की कम कीमत के कारण नागरिकों को हर महीने 4,000 रुपये की बचत हुई है और कर संबंधी सुधारों के कारण करदाताओं को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।
प्रधानमंत्री ने पीएम सूर्यघर योजना के बारे में भी विस्तार से बताया जो बिजली बिल को शून्य कर देगी और परिवारों के लिए आय पैदा करेगी। लाभार्थियों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी और शेष बिजली सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। उन्होंने कच्छ में दो संयंत्रों जैसी बड़ी पवन ऊर्जा और सौर परियोजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनकी आज आधारशिला रखी गई।
यह देखते हुए कि राजकोट श्रमिकों, उद्यमियों और कारीगरों का शहर है, प्रधानमंत्री ने 13,000 करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में बात की, जिससे लाखों विश्वकर्माओं को लाभ होगा। गुजरात में केवल 20,000 विश्वकर्माओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और प्रत्येक विश्वकर्मा को 15,000 रुपये की सहायता प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम स्वनिधि योजना में रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। गुजरात के स्ट्रीट वेंडर्स को करीब 800 करोड़ रुपये की मदद मिली। उन्होंने कहा, राजकोट में ही 30,000 से अधिक ऋण वितरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि जब भारत के नागरिक सशक्त होते हैं तो विकसित भारत का मिशन मजबूत होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मोदी भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने की गारंटी देता है, तो इसका मतबल सभी के लिए स्वास्थ्य और सभी के लिए समृद्धि है।”
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया और सांसद सी आर पाटिल उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
देश में तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, प्रधानमंत्री ने राजकोट (गुजरात), बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलगिरि (आंध्र प्रदेश) में पांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राष्ट्र को समर्पित किए।
प्रधानमंत्री ने 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 11,500 करोड़ रुपये से अधिक की 200 से अधिक स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने पुडुचेरी के कराईकल में जिपमर के मेडिकल कॉलेज और पंजाब के संगरूर में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड एजुकेशनल रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के 300 बिस्तरों वाले सैटेलाइट सेंटर को समर्पित किया। उन्होंने यानम, पुडुचेरी में जेआईपीएमईआर की 90 बिस्तरों वाली मल्टी स्पेशलिटी कंसल्टिंग यूनिट समेत चेन्नई में नेशनल सेंटर फॉर एजिंग; पूर्णिया, बिहार में नया सरकारी मेडिकल कॉलेज; आईसीएमआर की 2 फील्ड इकाइयां- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी केरल यूनिट, अलप्पुझा, केरल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (एनआईआरटी): न्यू कम्पोजिट टीबी रिसर्च फैसिलिटी, तिरुवल्लुर, तमिलनाडु और अन्य का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने पंजाब के फ़िरोज़पुर में पीजीआईएमईआर के 100 बिस्तरों वाले सैटेलाइट सेंटर सहित विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी; आरएमएल अस्पताल, दिल्ली में नया मेडिकल कॉलेज भवन; रिम्स, इंफाल में क्रिटिकल केयर ब्लॉक; झारखंड के कोडरमा और दुमका सहित अन्य में नर्सिंग कॉलेज की भी नींव रखी।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की लगभग 2280 करोड़ रुपए की लागत की 21 परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में पटना (बिहार) और अलवर (राजस्थान) में 2 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल; कोरबा (छत्तीसगढ़), उदयपुर (राजस्थान), आदित्यपुर (झारखंड), फुलवारी शरीफ (बिहार), तिरुपुर (तमिलनाडु), काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) और छत्तीसगढ़ में रायगढ़ और भिलाई में 8 अस्पताल; और राजस्थान में नीमराना, आबू रोड और भीलवाड़ा में 3 औषधालय शामिल हैं। 8 स्थानों पर ईएसआई डिस्पेंसरियों जैसे राजस्थान में अलवर, बहरोड़ और सीतापुरा, सेलाकुई (उत्तराखंड), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), केरल में कोराट्टी और नवाइकुलम और पायडीभीमावरम (आंध्र प्रदेश) का भी उद्घाटन किया जाएगा ।
क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक कदम में, प्रधानमंत्री ने 300 मेगावाट भुज-II सौर ऊर्जा परियोजना सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं जैसे ग्रिड कनेक्टेड 600 मेगावाट सौर पीवी विद्युत परियोजना; खावड़ा सौर ऊर्जा परियोजना; 200 मेगावाट की दयापुर-II पवन ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने 9000 करोड़ रुपये से अधिक की नई मुंद्रा-पानीपत पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला भी रखी। 8.4 एमएमटीपीए की स्थापित क्षमता वाली 1194 किलोमीटर लंबी मुंद्रा-पानीपत पाइपलाइन को गुजरात तट पर मुंद्रा से हरियाणा के पानीपत में इंडियन ऑयल की रिफाइनरी तक कच्चे तेल के परिवहन के लिए चालू किया गया था।
क्षेत्र में सड़क और रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए, प्रधानमंत्री ने सुरेंद्रनगर-राजकोट रेल लाइन को डबल करने को समर्पित किया; पुराने एनएच-8ई के भावनगर-तलाजा (पैकेज-I) को और एनएच-751 का पिपली-भावनगर (पैकेज-I) को चार लेन का बनाना भी शामिल है। उन्होंने अन्य बातों के अलावा एनएच-27 के सामाखियाली से संतालपुर खंड तक छह लेन की पक्की सड़क की आधारशिला भी रखी।
The vibrancy of Rajkot is exceptional. Speaking at the launch of development works pertaining to healthcare, connectivity, energy and tourism sectors. https://t.co/2RCYLLTTUv
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024