समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में सांसदों को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला बोला. PM मोदी ने कहा, चुनाव दूर नहीं…लेकिन कुछ लोगों को घबराहट है. ये परंपरा है जो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अव्यशयक है, हमारे लोकतंत्र की ताकत को देख कर दुनिया हैरान हो जाती है.
पीएम मोदी के संबोधन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
1. लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, बीते पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे. ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं, और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं.
2. उन्होंने कहा, ”…आप सदैव मुस्कुराते रहते थे, आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी. आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं. गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया. मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं.”
3. प्रधानमंत्री ने कहा, भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला. भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला. देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी. इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है.
4. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोग सामाजिक न्याय से वंचित थे. आज, हम संतुष्ट हैं कि हमने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय दिलाया है.
5. पीएम मोदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एक कांटा बन गया था जो देश के सीने में गोलियां दाग रहा था. हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए. मेरा पूर्ण विश्वास है कि जो लोग इस तरह के मुद्दों से पीड़ित हैं उन्हें इसी तरह ताकत मिलेगी.
6. प्रधानमंत्री ने कहा, “75 वर्षों तक हम अंग्रेजों द्वारा दी गई दंड संहिता के साथ रहे. नई पीढ़ी से हम गर्व से कह सकते हैं कि देश भले ही 75 साल तक दंड संहिता के अधीन रहा हो, लेकिन अगली पीढ़ी न्याय संहिता के साथ जीयेगी.
7. उन्होंने लोकसभा चुनाव का ज़िक्र करते हुए कहा, चुनाव बहुत दूर नहीं हैं…कुछ लोग घबरा सकते हैं, लेकिन यह लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है. हम सभी इसे गर्व से स्वीकार करते हैं. मेरा मानना है कि हमारे चुनाव देश का गौरव बढ़ाएंगे और लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करेंगे – जिससे दुनिया आश्चर्यचकित है.
8. कोविड-19 वायरस के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए PM मोदी बोले, मैं संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया. भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए माननीय सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 फीसदी की कटौती करने का निर्णय लिया.
9. सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं. संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया.
10. पीएम मोदी ने तीन तलाक पर ने कहा, कितने उतार चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें तीन तलाक का इंतजार कर रहीं थी. अदलतों ने उनके पक्ष में निर्णय दिए थे, लेकिन उन्हें वो हक नहीं मिल रहा था. मजबूरियों से गुजारा करना पड़ता था. तीन तालाक से मुक्ति का और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है.