आईआईएम-वी में युवा वैज्ञानिक प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31जनवरी।क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) ने भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए कार्यालय) के कार्यालय के सहयोग से 29 जनवरी, 2024 को भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापत्तनम (आईआईएम-वी) में युवा वैज्ञानिक प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। यह अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों, परियोजनाओं, उत्पादों और लोगों के प्रबंधन में युवा वैज्ञानिकों और विज्ञान प्रशासकों की क्षमताओं को निखारने; प्रतिभागियों के बीच विचारों के परस्पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने; नए युग के अनुसंधान और प्रौद्योगिकी अवधारणाओं के लिए व्यावहारिक विवरण प्रदान करने और कार्यात्मक, व्यवहारिक और डोमेन कौशल को बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

यह कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रारंभिक करियर प्रशिक्षण अवसर स्‍थापित करने के लिए माननीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह के आदेश पर शुरू किया गया। यह एक हाइब्रिड प्रशिक्षण मॉड्यूल है जिसे आईआईएम-वी द्वारा ऑनलाइन और ऑन-कैंपस गतिविधियों के मिश्रण के साथ डिजाइन और क्यूरेट किया गया है, जो रणनीति और नीति कौशल, सिस्टम कौशल, सॉफ्ट कौशल और सामाजिक प्रासंगिकता कौशल जैसे पहलुओं पर गहन शोध करता है।

आईआईएम विशाखापट्टनम के निदेशक प्रो. एम. चन्द्रशेखर ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम और वक्ताओं का एक संक्षिप्त स्नैपशॉट प्रदान किया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल प्रदान करने के लिए देश भर के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जिन्हें अंततः सरकार तक पहुंच के लिए आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद क्षमता निर्माण आयोग के सचिव श्यामा प्रसाद रॉय ने सेवाओं के प्रदाता से सहभागी सरकारी तंत्र में राज्य की विकसित भूमिका के बारे में एक प्रस्तुति दी। उन्होंने शासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मिशन कर्मयोगी के तहत क्षमता निर्माण के महत्व और मांग और आपूर्ति के अंतर को तर्कसंगत बनाने के लिए सरकार के शासन लक्ष्‍यों और कार्यों और अद्वितीय क्षमता-निर्माण मॉडल के कार्यान्वयन की जानकारी दी, जिसमें क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूलों तक व्यापक पहुंच प्रदान करने के लिए आईजीओटी प्लेटफॉर्म की भूमिका भी शामिल है।

पीएसए कार्यालय के प्रतिष्ठित मानद फेलो डॉ. अरबिंद मित्रा ने अपने मुख्य भाषण में सभी वैज्ञानिक विभागों और प्रयोगशालाओं को अपने कार्यबल के लिए नए युग की क्षमताओं और कौशल को अपनाने के लिए अपने दरवाजे खुले रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह समसामयिक राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करके लोगों और राजनीति की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी ने अपने उद्घाटन भाषण में जोर देकर कहा कि युवा वैज्ञानिकों के लिए क्षमता निर्माण अभ्यास एक ऐतिहासिक क्षण है जो उन्हें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और मिशन को पूरा करने के लिए अपनी विचार प्रक्रिया और कार्य प्रक्षेप पथ का पुनर्मूल्यांकन और उसमें बदलाव लाने में मदद करेगा। तेजी से विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य और संबंधित इकोसिस्‍टम के कारण, हमारे भविष्य के वैज्ञानिक कार्यबल को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण और अध्‍ययन एक निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए। इससे नई प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और समाधानों के निर्माण में मदद मिलेगी जो स्थानीय और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करेंगे और देश की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि हासिल करेंगे।

इस कार्यक्रम के पहले समूह में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), परमाणु विभाग ऊर्जा (डीएई), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं और केन्द्रों के 55 से अधिक युवा वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों को चार मॉड्यूल में प्रशिक्षण से गुजरना होगा, जिसमें विशेषज्ञ बातचीत, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान सुविधाओं का दौरा, सहयोगात्मक अभ्यास आदि जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। देश भर में फैले वैज्ञानिक कार्यबल को कवर करने के लिए आईआईएम-वी द्वारा साल भर का कैलेंडर तैयार किया जा रहा है।

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