ऱाम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने से कांग्रेस को कितना नुकसान, पढ़ें क्या कहते हैं विश्लेषक

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 जनवरी। अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करके कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के कई घटक दलों ने देश की सियासत गरमा दी है। लोकसभा चुनाव से पहले अलग अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि समारोह में न जाने के क्या क्या प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि निमंत्रण अस्वीकार किए जाने का असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘निमंत्रण को अस्वीकार करने का क्या मतलब है। हम क्या संदेश दे रहे हैं। राजीव जी ने ताला खुलावाया था तो आप कौन हैं मना करने वाले। हमारा नेतृत्व पार्टी में इस तरह के सलाहकारों को अगर रखेगा तो क्या कह सकते हैं।’

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस को लगता है कि वो बीजेपी के कार्यक्रम में क्यों जाए क्योंकि इसका सीधा फ़ायदा उसी को होगा, लेकिन न जाने से कांग्रेस की छवि को बीजेपी हिंदू विरोधी के तौर पर पेश करने में सफल हो रही है इसी कारण से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस को दोबारा वही स्वरूप हासिल करना पड़ेगा, उसमें अल्पसंख्यकों के हित की चिंता है लेकिन उसे ऐसा कोई मौक़ा नहीं खोना चाहिए जो उसे बहुसंख्यक विरोधी बना दे पर कांग्रेस ऐसा अवसर खोती दिख रही है। फिलहाल, सारे प्रयोग के बाद कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व से किनारा करने लगी है। हालांकि, इसका अपवाद भी है।

राज्य इकाइयों में स्थानीय स्तर पर अभी भी नेता राम या राम मंदिर और सॉफ्ट हिंदुत्व में भरोसा रख रहे हैं, जब कांग्रेस हाईकमान ने अयोध्या जाने से इंकार कर दिया तो गुजरात से लेकर यूपी और हिमाचल प्रदेश के नेताओं की प्रतिक्रियाओं ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। गुजरात कांग्रेस के मीडिया विभाग के सह-संयोजक और प्रवक्ता हेमांग रावल कहते हैं कि मुझे गर्व है कि मैं धर्म, कर्म, वचन से हिंदू ब्राह्मण हूं। दुनिया में श्री राम के नाम से बड़ा कोई नाम नहीं है। राम मंदिर निर्माण के गौरवशाली क्षण पर अगर मुझे निमंत्रण मिलता तो मैं जरूर जाता, मैं जल्द ही रामचंद्र के दर्शन करने जाऊंगा, जय श्री राम। गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने भी अयोध्या नहीं जाने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने पार्टी को ऐसे फैसले नहीं लेने की सलाह दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय से दूर रहना चाहिए था।’

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