“एम्स नई दिल्ली एक प्रकाशस्तंभ है, जिसके द्वारा स्थापित परंपराओं और सिद्धांतों का समूचा राष्ट्र पालन करताहै”:डॉ. मनसुख मांडविया 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने एम्स नई दिल्ली में अत्याधुनिक सुविधाएं राष्ट्र को कीं समर्पित

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14दिसंबर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने भारत में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एम्स नई दिल्ली में नई अत्याधुनिक सुविधाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। राष्ट्र को समर्पित की गई इन नई सुविधाओं में मातृ एवं शिशु ब्लॉक, सर्जिकल ब्लॉक, राष्ट्रीय जराचिकित्सा केंद्र, मुख्य अस्पताल में न्यू पेड वार्ड; जेपीएन एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में हॉस्पिटल इंफैक्शन कंट्रोल एंड फोरेंसिक डीएनए लेबोरेटरी और सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीएमआईई) तथा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) झज्जर में प्राइवेट वार्ड विंग शामिल हैं। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो.एस.पी. सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रविण पवार भी शामिल हुए। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत और एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ मांडविया ने एम्स नई दिल्ली की प्रशंसा करते हुए कहा, “एम्स नई दिल्ली एक प्रकाशस्तंभ है, जिसके द्वारा स्थापित परंपराओं और सिद्धांतों का समूचा राष्ट्र पालन करताहै।” उन्होंने कहा, “एम्स की उत्कृष्ट प्रतिष्ठा यहां कार्यरत समर्पित डॉक्टरों द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता और उत्साह का प्रमाण है।” उन्होंने बताया, “आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से आज इन नई सुविधाओं का उद्घाटन किया गया है। इनका उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है।”

भारत में स्वास्थ्य सेवा में बदलाव लाने की दिशा में सरकार की पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 1,70,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना को रेखांकित किया, जो उसी दिशा में किया गया एक प्रयास है। उन्होंने कहा, “इन स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को टेली-परामर्श सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं, जिससे आम आदमी के समय, प्रयास और संसाधनों की बचत होगी।”

उन्होंने आगे कहा कि “हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 10,000वें जन औषधि केंद्र का शुभारंभ किया गया। पिछले 9 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। इसी तरह एमबीबीएस, पीजी और नर्सिंग सीटों की संख्या भी 10 साल से कम समय में अभूतपूर्व गति से बढ़ी है।”

डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत दुनिया भर में अपनी गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं को प्रचारित भी कर रहा है। उन्होंने कहा, “दुनिया में तेजी से बढ़ते चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र का लाभ उठाने के लिए ‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाय इंडिया’ पहल शुरू की गई है।”

मानवता को सेवा प्रदान करने के प्रति भारतीय स्वास्थ्य व्यवसायियों की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह परंपरा हमारी सदियों पुरानी संस्कृति में निहित है जिसे अब दुनिया ने मान्यता दी है। उन्होंने कहा, ”कोविड संकट ने दुनिया को न केवल चिकित्सा और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भारत की ताकत दर्शायी है, बल्कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मूल्यों को भी प्रदर्शित किया है। यह तब प्रदर्शित हुआ जब भारत ने कीमतें बढ़ाए बिना दुनिया को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति तब भी जारी रखी, जब दवाओं की वैश्विक कमी थी।”

पृष्ठभूमि:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में नई सुविधाएं स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाएंगी। वे अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए एम्स नई दिल्ली के समर्पण को रेखांकित करते हैं। विस्तार का उद्देश्य बढ़ती आबादी की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करना और चिकित्सा नवाचार के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर के रूप में एम्स नई दिल्ली की स्थिति को मजबूत करना है।

नया बुनियादी ढांचा चिकित्सा विज्ञान की नवीनतम सफलताओं को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किए गए उन्नत चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं से युक्त होगा। ये संवर्द्धन रोगियों के उपचार संबंधी परिणामों में सुधार और अधिक कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी प्रणाली में योगदान देंगे।

नई सुविधाओं के साथ, एम्स नई दिल्ली का लक्ष्य मरीजों के इंतजार के समय को कम करना और बड़ी संख्या में व्यक्तियों की सेवा करने की अपनी क्षमता का विस्तार करना है। यह संस्था समुदाय को सुलभ, विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर सुधांश पंत, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव; डॉ. एम श्रीनिवास, निदेशक, एम्स नई दिल्ली; केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य सेवा व्यवसायी और अन्य हितधारक उपस्थित थे।

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