अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस को एक वार्षिक अनुष्ठान से अधिक मनाने हेतु हमें भ्रष्टाचार की जड़ों को ग्रीडोनॉमिक्स में समझना होगा और समाधान गीता-आधारित नीडोनॉमिक्स में खोजें: प्रो.एम.एम.गोयल

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समग्र समाचार सेवा
कुरुक्षेत्र, 10दिसंबर। अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण दिवस की स्मृति में पूर्व उपाध्यक्ष और ‘नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट’ के प्रवक्ता प्रोफेसर एम. एम. गोयल ने इसे एक वार्षिक रिटुअल से अधिक बनाए रखने के लिए ग्रीडोनॉमिक्स (लालच की अर्थशास्त्र) में निदान करने और समाधान को ‘गीता-आधारित नीडोनॉमिक्स’ (आवश्यकता की अर्थशास्त्र) में ढूंढने की आवश्यकता है, यह मानते हैं।

इस अवसर पर भारतीय भ्रष्टाचार निवारण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में, हरियाणा के राज्य निदेशक डॉ. सुभाष गौड़ के नेतृत्व में सीनियर सिटीजन फोरम में प्रो. गोयल ने यह कहा कि इस नए संबंध की शुरुआत के लिए हमें नैतिकता के साथ शांतिपूर्ण, नैतिक, क्रियाशील, प्रतिस्पर्धात्मक और पारदर्शी (स्ट्रीट स्मार्ट) शासन का मॉडल अपनाना चाहिए ।

प्रो. गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति कामकाजी जीवन में बना है, ज्यादा कामकाजी जीवन होता है, वहां भ्रष्टाचार कम होता है और कम कामकाजी जीवन होता है वहां भ्रष्टाचार अधिक होता है। इसी कारण सांसद जिनकी कड़ी पाँच वर्ष की होती हैं नौकरशाहों की तुलना में अधिक भ्रष्ट होते हैं ।

प्रो. गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार के साथ संघर्ष के लिए नैतिकता पर आधारित शासन के एक नए सिद्धांत की रूपरेखा को बढ़ावा देना आवश्यक है ।

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