समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। हिंदू धर्म में भगवान श्री राम की उपासना का विशेष महत्व है. विजयदशमी के दिन भगवान श्री राम की उपासना करने से व्यक्ति को जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार के दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के ही दिन भगवान श्री राम ने लंका पति रावण का वध किया था. इसलिए इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. आज के दिन पूजा काल श्री राम की उपासना के समय श्री राम आरती का भी पाठ जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को रोग, दोष, भय इत्यादि समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है.
विजयदशमी 2023 पूजा मुहूर्त
पंचांग में बताया गया है की विजयदशमी पर्व के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक रहेगा और पूजा मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 18 मिनट के बीच रहेगा. इस विशेष दिन पर रवि योग और वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. रवि योग सुबह 06 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा और वृद्धि योग दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा.
विजयदशमी पूजा के समय करें श्री राम आरती
आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ।।
धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ।।
सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ।।
कर जोरे रिपुहन हनुमाना । भरत लखन सेवत बिधि नाना ।।
शिव अज नारद गुन गन गावैं । निगम नेति कह पार न पावैं ।।
नाम प्रभाव सकल जग जानैं । शेष महेश गनेस बखानैं।।
भगत कामतरु पूरणकामा । दया क्षमा करुना गुन धामा ।।
सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा । राज विभीषन को प्रभु दीन्हा ।।
खेल खेल महु सिंधु बधाये । लोक सकल अनुपम यश छाये ।।
दुर्गम गढ़ लंका पति मारे । सुर नर मुनि सबके भय टारे ।।
देवन थापि सुजस विस्तारे । कोटिक दीन मलीन उधारे ।।
कपि केवट खग निसचर केरे । करि करुना दुः ख दोष निवेरे ।।
देत सदा दासन्ह को माना । जगतपूज भे कपि हनुमाना ।।
आरत दीन सदा सत्कारे । तिहुपुर होत राम जयकारे ।।
कौसल्यादि सकल महतारी। दशरथ आदि भगत प्रभु झारी।।
सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई । आरति करत बहुत सुख पाई ।।
धूप दीप चन्दन नैवेदा । मन दृढ़ करि नहि कवनव भेदा ।।
राम लला की आरती गावै । राम कृपा अभिमत फल पावै ।।