उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय जल मिशन के अंतर्गत विनाइल की परत चढ़ी ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयपुर और राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 15सितंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने “सुरक्षित एवं संरक्षित बांध राष्ट्र की समृद्धि सुनिश्चित करते हैं” विषय पर गुरूवार को जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। धनखड़ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी स्टेशन से विनाइल की परत चढ़ी कामाख्या एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। राष्ट्रीय जल मिशन की ‘पानी की रेल’ पहल के तहत जल संरक्षण, नदी पुनर्जीवन, पेयजल और स्वच्छता के महत्व के संदेश को कई गुना बढ़ाकर प्रचारित करने के लिए रेल मंत्रालय के सहयोग से दो ट्रेनों, हिमसागर एक्सप्रेस और कामाख्या एक्सप्रेस पर विनाइल की परत चढ़ाई गई है। जैसे-जैसे ट्रेनें देश भर में यात्रा करेंगी, वे जल संरक्षण और प्रबंधन के महत्वपूर्ण संदेश को प्रसारित करने वाले एक चलते-फिरते बिलबोर्ड का कार्य करेंगी। उपराष्ट्रपति ने बड़े बांधों के एक राष्ट्रीय रजिस्टर का भी अनावरण किया, जो संबंधित राज्य सरकार/प्राधिकरण के परामर्श से तैयार किए गए देश के बड़े बांधों का एक संकलन है।

उपराष्ट्रपति ने बांधों का महत्व बताते हुए उन्हें वह “मूक प्रहरी” कहा जो “जो हमारे ग्रह की जीवनधारा तक हमारी पहुंच सुनिश्चित करते हैं।” उन्होंने कहा, “बांध मानवीय सरलता, हिम्मत और सहयोग की भावना के स्मारक हैं।” जल प्रबंधन के साथ भारत के अंतर्निहित संबंध पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने बताया कि भारतीय सभ्यता हजारों वर्षों तक नदियों के किनारे फली-फूली है, और उन्हीं नदियों के पानी से उसने अपना जीवन और जीविका पाई है। श्री धनखड़ ने यह भी कहा कि वेदों और अर्थशास्त्र सहित प्राचीन ग्रंथों में पानी की कमी से निपटने के लिए बांधों और जलाशयों के निर्माण के माध्यम से जल संसाधनों के व्यवस्थित प्रबंधन का उल्लेख है। श्री धनखड़ ने बांध सुरक्षा अधिनियम (डीएसए) 2021 के अधिनियमन की सराहना की, जो अपने बांधों की सुरक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है। उन्होंने बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) के चरण-I के सफल समापन की भी प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि हाल ही में शुरू किए गए चरण-II और III से भारत के कई राज्यों में बांध सुरक्षा में और वृद्धि होगी।

अंतर्राष्ट्रीय बांध सुरक्षा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बांधों के विविध लाभों पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार बांध भारत में जल प्रबंधन, बिजली उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण में सहायक रहे हैं। बांध सुरक्षा के महत्व पर बात करते हुए श्री शेखावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 2021 में लाए गए बांध सुरक्षा अधिनियम के बारे में बताया जो सभी बांध मालिकों द्वारा प्रमुख नियामक संस्थागत ढांचे और एकीकृत प्रोटोकॉल को सुनिश्चित करने के लिए था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में लगभग 280 बांध हैं जो लगभग 100 वर्ष पुराने हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक बांध तो 25 वर्ष पुराने हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन विभिन्न हितधारकों के बीच बांध सुरक्षा उपायों पर विचार-विमर्श करने और ज्ञान साझा करने के लिए एक मंच का काम करेगा। उन्होंने बांध सुरक्षा प्रबंधन में जल शक्ति मंत्रालय को सहयोग करने के लिए सभी राज्यों को भी धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने आज पहले एमएनआईटी जयपुर में बांधों की भूकंप सुरक्षा के राष्ट्रीय केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह केंद्र भारत में बांधों की संरचनात्मक और भूकंप संबंधी सुरक्षा को बढ़ाने का काम करेगा।

जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार ने बांध सुरक्षा के पहलुओं में शामिल राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए), राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति (एनसीडीएस), राज्य बांध सुरक्षा समिति (एससीडीएस) और राज्य बांध सुरक्षा संगठन (एसडीएसओ) जैसे विभिन्न संगठनों की भूमिकाओं और कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी चरण-I) की उपलब्धियों को भी साझा किया और डीआरआईपी के मौजूदा चरण-II और चरण-III की प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आईआईटी रूड़की और आईआईएससी बेंगलुरु में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और बांध सुरक्षा से जुड़े हितधारकों के क्षमता निर्माण के लिए एम-टेक पाठ्यक्रम शुरू करने के बारे में बात की।

इस कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ‘जल कलश’ समारोह से हुई। लीबिया में हुई त्रासदी और विनाश के लिए 1 मिनट का मौन रखा गया। सम्मेलन के अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों ने बांध सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे नवीनतम परिवर्तनों, तकनीकी उपायों, नवाचारों और समाधानों को दिखाने वाले उत्पाद, चार्ट, बैनर और तस्वीरें प्रदर्शित कीं। आज प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।

उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाने वाले अन्य गणमान्य लोगों में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री माणिक साहा; कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री श्री डी. के. शिवकुमार; राजस्थान के जल संसाधन मंत्री श्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय; राजस्थान की मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा; और जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार शामिल थे। इस अवसर पर विदेशी और भारतीय प्रतिनिधि और विभिन्न संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों के 800 से अधिक प्रतिनिधि, शिक्षाविद्, विश्व बैंक के अधिकारी, अन्य देशों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रतिनिधि और अन्य बांध स्वामी भाग ले रहे हैं। इस आयोजन में 15 देशों के लगभग 40 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.