Ganesh Chaturthi 2023: 19 सितंबर को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, यहां जानें भगवान गणेश की जन्मकथा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15सितंबर। ​सनातन धर्म में​ किसी भी अच्छे व शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की अराधना की जाती है. कहते हैं कि इससे कार्य में सफलता हासिल होती है और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. भगवान गणेश की अराधना के लिए गणेश चतुर्थी का दिन बेहद ही खास माना गया है जो कि हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को है.

भगवान गणेश की जन्मकथा
शिवपुराण में भगवान गणेश के जन्म से जुड़ी बेहद ही रोचक कथा दी गई है. जिसके अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म माता पार्वती के उबटन से हुआ था. माता पार्वती ने अपने शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया और उस उबटन को उतारने के बाद उसे इकट्ठा कर उससे एक पुतला बना दिया. फिर उस पुतले में प्राण डालें और उसे विनायक नाम दिया. इसके बाद माता पार्वती ने अपने पुत्र विनायक को आदेश दिया कि तुम मेरे द्वार पर बैठो और किसी को अंदर नहीं आने देना.

कुछ समय बाद भगवान शिव जब घर आए तो विनायक ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया. जिससे भगवान शिव नाराज हो गए और दोनों के बीच युद्ध हुआ. इस युद्ध में भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से विनायक की गर्दन काट दी. इसके बाद जब माता पार्वती ने विनायक को इस हालत में देखा तो वह विलाप करने लगीं. पार्वती ने शिवजी से कहा कि आपने मेरे बेटे का सिर क्यों काटा और शिव जी ने आश्चर्य से पूछा कि यह आपका पुत्र कैसे हो सकता है.

जिसके बाद माता पार्वती ने उन्हें पूरा किस्सा बताया और बेटे का सिर वापस लाने को कहा. तब शिवजी ने कहा कि मैं इसमें प्राण डाल दूंगा लेकिन इसके लिए सिर की आवश्यकता होगी. जिसके बाद उन्होंने गरुड़ जी ने कहा कि उत्तर दिशा में जाइए और वहां जो भी मां अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो उस बच्चे का सिर ले आइए.

गरुड़ जी भटकते-भटकते काफी समय हो गया लेकिन उन्हें ऐसी कोई मां या बच्चा नहीं मिला. अंत में उन्हें एक हथिनी मिली जो कि अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही थी और गरुड़ उस बच्चे का सिर ले आए. जिसके बाद भगवान शिव ने वह सिर विनायक के शरीर से जोड़ दिया और उसमें प्राण डाल दिए. हाथी का सिर लगने की वजह से विनायक का नाम गणेश और गणपति पड़ गया.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.