यूक्रेन वॉर : रूस- यूक्रेन वॉर के बीच पाकिस्तान के यूक्रेन को हथियार भेजने को लेकर रूस का सामने आया रिएक्शन, पाक को दे सकता है झटका

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 अगस्त। रूस- यूक्रेन के बीच वॉर के करीब 19 महीने बीत चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान के यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों को लेकर मीडिया में अभी भी सवाल पूछे जा रहे हैं और इस क्रम में रूस की एक और ताजा प्रतिक्रिया आज सामने आई है.

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने आज एक पाकिस्तान के यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा , हां, ऐसे मामलों के बारे में रिपोर्ट और जानकारी आई है, हम इस जानकारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं.

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, यदि पुष्टि की जाती है तो ऐसे उदाहरण स्पष्ट रूप से रूस विरोधी हैं.” ऐसी कार्रवाइयाँ, जिन्हें हम नज़रअंदाज नहीं कर सकते और जैसा कि मैंने कहा, हमने समाचारों और रिपोर्टों को बहुत करीब से देखा है और उन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं, क्योंकि वे जमीनी स्तर पर स्थिति को सीधे प्रभावित करते हैं और त्वरित कार्रवाई के उद्देश्य से किए गए प्रयासों के विपरीत नहीं जाते हैं.

बता दें कि रूस ने भी करीब 9 से 10 महीने पहले दावा किया था कि पाकिस्तान यूक्रेन को तोपों के गोले और कई हथियारों की आपूर्ति कर रहा है. रूस ने यहां तक दावा किया था कि पाकिस्तान यूक्रेन को परमाणु बम बनाने में मदद कर रहा है. इससे पहले पाकिस्तान पर नार्थ कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक बेचने के आरोप लगे थे.

बता दें कि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान यूरोप और अमेरिका की और से अनदेखी किए जाने पर चीन के जारी रूस से करीबी बनाने का प्रयास किया था और सस्ते तेल और अनाज पाने के लिए इसी साल जनवरी में समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.

बता दें कि 2023 में इकोनॉमिक टाइम्स में 9 जनवरीको प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने Mi-17 हेलीकॉप्टरों को अपग्रेड करने के लिए यूक्रेनी सहायता के बदले में पोलैंड में एक बंदरगाह के माध्यम से प्रोजेक्टाइल और प्राइमर सहित गोला-बारूद के 159 कंटेनर भेजने की योजना बनाई थी, रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित हथियार आपूर्तिकर्ता डीएमआई एसोसिएट्स यूक्रेनी सेना द्वारा दिए गए ऑर्डर को स्थानांतरित करने के लिए पूर्वी यूरोप में रक्षा फर्मों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के कुल आयातित गेहूं का 39 प्रतिशत यूक्रेन से आता है. हाल के वर्षों में, पाकिस्तान ने बख्तरबंद युद्धक टैंकों के लिए यूक्रेन के साथ कई अधिग्रहण और उन्नयन अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं. माना जा रहा है कि पाकिस्तान यूक्रेन को हथियारों की गुप्त आपोरती करके बदले में अनाज और कई जरूरी चीजों का इंतजाम कर रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की दोहरी चाल ने उसे रूस के सामने भी संदिग्ध की भूमिका में ला दिया है. ऐसे समय में जब शीत युद्ध के प्रतिद्वंद्वी-रूस और पाकिस्तान-करीब आ रहे हैं और ऊर्जा सौदों पर हस्ताक्षर के साथ उनके संबंध मजबूत हो रहे हैं, ऐसी रिपोर्टें इस्लामाबाद की सच्ची निष्ठाओं पर संदेह और संदेह पैदा करके द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली हैं. अगर इन ख़बरों की सच्चाई साबित हो गई तो रूस से पाकिस्तान को मदद मिलना तो दूर, उसकी परेशानी हे भविष्य में बढ़ना तय है.

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