राष्ट्रपति ने गोवा विधानसभा के सदस्यों को किया संबोधित

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
पणजी, 24अगस्त। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुद्धवार को गोवा के पोरवोरिम में राज्य विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों के जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बहुत खुशी महसूस हो रही है जो विभिन्न धर्मों, आस्थाओं और संप्रदायों को मानने के बावजूद ‘एक गोवा’ और ‘एक भारत’ में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ एकता का यह विश्वास गोवा के लोगों में हमेशा ही मौजूद रहा है। उन्होंने कहा कि गोवा की मुक्ति के बिना भारत की आजादी अधूरी थी और इसी भावना से ओत-प्रोत होकर पूरे देश के लोग गोवा मुक्ति आंदोलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के लोगों ने गोवा की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि गोवा मुक्ति आंदोलन के दौरान, गोवा के क्रांतिकारियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और ‘जय हिंद’ का प्रयोग इस बात का प्रमाण है कि गोवा के लोग विदेशी शासन से मुक्त होने के बाद भारत के साथ एकीकृत होना चाहते थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा विकास के कई मानकों पर देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। गोवा में प्रति व्यक्ति जीडीपी राष्ट्रीय औसत से लगभग ढाई गुना ज्यादा है। गोवा जल प्रबंधन, निर्यात तैयारियों, नवाचार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे मापदंडों पर भी देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। हालांकि, उन्होंने कहा कि एक क्षेत्र ऐसा है जिस पर सरकार और गोवा के लोगों को ध्यान देने की आवश्यकता है वह सार्वजनिक जीवन और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि गोवा में कामकाजी महिलाओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम है और गोवा जैसे उदारवादी समाज के लिए यह सही स्थिति नहीं है। इस स्थिति में बदलाव लाने की दिशा में कोशिश की जानी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि संसद और राज्य विधानसभाएं पवित्र संस्थाएं हैं, जो जन संप्रभुता का प्रतिनिधित्व करती हैं। जनप्रतिनिधि इन पवित्र स्थलों पर जनहित के विषय पर चर्चा करते हैं और उनपर निर्णय लेते हैं। इसलिए सदन की कार्यवाही में सदस्यों की सार्थक एवं प्रभावी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से गोवा विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रसारण के माध्यम से आम नागरिक देखते हैं कि उनके प्रतिनिधि किस प्रकार से काम करते हैं और सदन में किस प्रकार से उनके मुद्दों को उठाते हैं। यह लाइव प्रसारण जनता एवं जनप्रतिनिधियों के बीच के रिश्तों को मजबूती प्रदान करती है लेकिन जनप्रतिनिधियों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी भी डालती है, इसलिए सदन में उनसे सभ्य आचरण करने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त किया कि गोवा विधानसभा में शुरू से ही विचार-विमर्श-संवाद की स्वस्थ परंपरा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि गोवा विधानसभा के सदस्य गोवा के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने और उनके उम्मीदों पर खड़ा उतरने के लिए अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते रहेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण बदल चुका है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र के साथ भारत जी-20 देशों के सहयोग से वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का समाधान सामूहिक रूप से खोजने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बल देकर कहा कि हमारे पास भारत की क्षमता और संस्कृति का प्रदर्शन करने का यह सही अवसर है और हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में, सरकार और गोवा के लोगों की यह कोशिश होनी चाहिए कि गोवा को विकास के एक ऐसे मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए, जिसका अनुकरण देश के अन्य राज्य भी कर सकें और यह अमृत काल में देश के लिए गोवा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.