‘RSS तमिलनाडु में निकाल सकता है रूट मार्च’: सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन सरकार की अपील खारिज की, मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को रखा बरकरार

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अप्रैल।सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को जबरदस्त झटका देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पथ संचालन की इजाजत दे दी। RSS ने राज्य में 47 जगहों पर पथ संचलन निकालना चाहती थी, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें RSS को राज्य में मार्च निकालने की इजाजत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मित्तल की पीठ ने 10 फरवरी को दिए गए मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

इससे पहले, आरएसएस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा था कि अनुच्छेद 19(1)(बी) के तहत बिना हथियारों के शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होना सबका मौलिक अधिकार है। इसे बहुत मजबूत आधार के अभाव में किसी भी तरह से कम नहीं किया जा सकता है।

जेठमलानी ने सरकार द्वारा आरएसएस पर इस आधार पर कुछ क्षेत्रों में मार्च निकालने पर लगाए गए प्रतिबंध पर सवाल उठाया कि पीएफआई पर भी हाल ही में प्रतिबंध लगाया गया था। जेठमलानी ने कहा, “जिन क्षेत्रों में ये मार्च निकाले गए, वहां से हिंसा की एक भी घटना की सूचना नहीं है।”

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