समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 मार्च। आखिर कौन है डाक्टर इक़बाल दुर्रानी जिनके कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वयं संघ के मोहन भागवत स्वयं प्रोमोट कर रहें है। दोनों लालकिले पर मंच साझा करने वाले है।
पहली बात, न ही यह कोई चिकित्सक है न ही पी एच डी है। प्रतापगढ़ की किसी हिंदी साहित्य सभा के वाचस्पति है पर लिखते हैं उर्दू में । क्योंकि इनकी शिक्षा दीक्षा तो मदरसे में हुई अतः हिंदी में हाथ जरा तंग है। लेकिन हिंदी के डाक्टर है। झारखंड सरकार से यह झारखंड रत्न की उपाधि झटक चुके है। और भी कई भारी भरकम सरकारी पुरस्कार बटोर चुके है।
लिखते क्या है। साहित्य ? जी हां अगर बोलीवुड की फिल्मी कहानियों को साहित्य माना जाय। उनकी लिखी कुछ फिल्मी कहानियों के नाम नोश फरमाएं – कातिल, नया ज़हर, जख्मी औरत, आतंक ही आतंक, दिल आशना है, कोहराम, मां कसम आदि। उनकी आखिरी फिल्म थी हम तुम दुश्मन दुश्मन। अभिनय में निर्देशन में हाथ आजमा चुके है। शादी की है ममता दुर्रानी से शायद वह भी बोली वुड से है।
अब राजनीति में हाथ आजमा रहे है, एक लोकसभा चुनाव में अपनी जमानत जब्त कर चुके है तो थोड़ा स्ट्रेटजी बदली है। एक जैन पुस्तक का अनुवाद करके जैनीयो को उनके ही मंदिर में सुना चुके है। अब सामवेद का उर्दू/हिन्दी में अनुवाद किया है एवम आर एस एस का सहारा लेकर आगे बढ़ना चाह रहे है। मोहन भागवत जी का पूरा सहयोग है।
क्यों न हो, आखिर डीएनए तो एक ही है।