दिल्ली सरकार ने शहरी विकास सचिव से मामले में गौतम नारायण की सेवा लेने के लिए कहा था: केजरीवाल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 फरवरी।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर चुनाव के मामले में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी राय रखने से ‘जबरन’ रोकने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही कहा था कि महापौर चुनाव में एल्डरमैन (मनोनीत सदस्य) वोट नहीं डाल सकते.

केजरीवाल ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने ” न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप” करने की कोशिश की और ”अदालत की अवमानना” की. आम आदमी पार्टी (आप) नेता द्वारा किए गए दावों और आरोपों पर उपराज्यपाल कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता एवं आप की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार को अलग-अलग पक्षकार बनाया है. उन्होंने कहा, ”दिल्ली सरकार ने शहरी विकास सचिव से मामले में गौतम नारायण की सेवा लेने के लिए कहा था.

हालांकि, उपराज्यपाल ने 9 फरवरी को शहरी विकास सचिव को मामले की पैरवी के लिए सरकार के वकील के रूप में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को नियुक्त करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि उनके कृत्य संवैधानिक पद के अनुरूप नहीं हैं.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को उच्चतम न्यायालय में एमसीडी मेयर चुनाव मामले में तुषार मेहता को नियुक्त करने के लिए बाध्य किया. तुषार मेहता दोनों विरोधी पक्ष- दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. क्या यह न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं है. क्या यह आपराधिक कृत्य नहीं है?”

मुख्यमंत्री ने सक्सेना को लिखे पत्र में कहा कि न्याय के हित में और उच्चतम न्यायालय को उचित निर्णय पर पहुंचाने में मदद के लिए उसके समक्ष सभी दृष्टिकोणों को प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने 9 फरवरी को उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों का हवाला देते हुए कहा, ‘हालांकि, उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उसका पक्ष रखने से रोकने का प्रयास किया.

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह खुद को ‘बॉलीवुड का खलनायक’ समझते हैं, जो अदालतों, कानून और न्याय से ऊपर है.

उप मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ”अदालत में मेरा वकील मेरा, तुम्हारा वकील भी मेरा. मेरा पक्ष मेरा, तुम्हारा पक्ष भी मेरा. अफसरों को धमकाकर एमसीडी मामले में सच छिपाने के लिए उपराज्यपाल ने आप सरकार के ख़िलाफ़ इस हद तक की साज़िश रच दी. उपराज्यपाल साहब खुद को बॉलीवुड का खलनायक समझते हैं, जो अदालत, कानून और न्याय से ऊपर है.”

केजरीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मेयर चुनाव को प्रभावित करने की भाजपा और उपराज्यपाल की ‘साजिश’ को विफल कर दिया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चुनाव में आप उम्मीदवार की जीत होगी, क्योंकि पार्टी को एमसीडी सदन में बहुमत प्राप्त है.

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